दान-पुण्य से जुड़ा है मकर संक्रांति का त्यौहार
सर्दियां बीमारी और संक्रमण लाती हैं और मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद धूप सेंकने से बिमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा मिलता है।
मकर संक्राति के दिन लोग स्नान आदि के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करते हैं, इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन लोग नए चावल से बनी खिचड़ी और तिल से बनी चीज जरूर खाते हैं।
भारत में अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलती है। भारत में अनगिनत त्योहार मनाए जाते हैं जिनमें से शायद कुछ त्यौहारो के नाम हम में से कई लोगों सुनें भी न हो। लेकिन कुछ त्यौहार काफी प्रसिद्ध होते हैं और इन्हीं प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है मकर संक्राति, जिसके बारें में हर भारतीय जानता है। भारत में हर त्यौहार को मनाए जाने के अलग-अलग तरीके और रिवाज़ हैं। भले ही अलग-अलग प्रांतों में इसके नाम अलग हों और इसकी मान्यताएं अलग हों। लेकिन कुछ चीजें इस त्योहार से ऐसे जुड़ी हैं जिन्हें पूरा देश मानता है। तो चलिए जानते मकर संक्राति के त्योहार से जुड़ी खास बातें।
* मकर संक्राति के दिन लोग स्नान आदि के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करते हैं, इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।
* मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन लोग नए चावल से बनी खिचड़ी और तिल से बनी चीज जरूर खाते हैं।
* हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार पहली माघ को मनाया जाता है। जो लोग माघ के बारें में नहीं जानते तो उन्हें बता दें कि हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार यह एक महीने का नाम होता है।
* मकर संक्रांति फसल से जुड़ा हुआ त्योहार है जिसे सर्दियां समाप्त होने के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य दक्षिणयान से मुड़कर उतर की ओर रूख करता है। ज्योतिष के अनुसार इस समय सूर्य उत्तारायण बनता है।
* मकर संक्रांति फसल से जुड़ा त्यौहार है और यह भारत के किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। यह त्योहार आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, असम, हरियाणा, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड तमिलनाडु पश्चिम बंगाल आदि सभी राज्यों में मनाया जाने वाला त्योहार हैं। भले ही कई राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता हो।
* हिन्दुओं का मानना है कि सर्दियां बीमारी और संक्रमण लाती हैं और मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद धूप सेंकने से बिमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा मिलता है।
*मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की प्रथा काफी लम्बे समय से चली आ रही है। इसके पीछे कोई धार्मिक महत्व नहीं है लेकिन सुबह के समय सूर्य की किरणें तेज होती है और पतंग उड़ाते समय धूप सेंकते हैं।