अब बॉडी और दाढ़ी के बालों से स्कैल्प हेयर ट्रांसप्लांट संभव
बॉडी हेयर से स्कैल्प हेयर ट्रांसप्लांट एक चमत्कार के रूप में सामने आ रहा है।
एक शख्स के लिए इससे बड़ी संतुष्टि क्या हो सकती है कि उसे अपने स्कैल्प में हेयर ट्रांसप्लांट के लिए अपने ही बॉडी हेयर का इस्तेमाल करना पड़े। इस कारगर हेयर ट्रांसप्लांट के बाद वे अपने गंजेपन से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं, साथ ही उन्हें पब्लिकली अपने सिर को ओपन रखने में परहेज नहीं करना पड़ता है।
हेयर ट्रांसप्लांट एक आर्ट है जो दुनिया में कुछ ही लोगों द्वारा किया जाता है। बॉडी के बालों का इस्तेमाल अब स्कैल्प हेयर ट्रांसप्लांट के तौर पर किया जाने लगा है। हालांकि बॉडी के बाल सिर के बालों की अपेक्षा बहुत अलग होते हैं इनका कलर, मोटाई सब इनसे अलग होता है। लेकिन इन सबके अलावा भी बॉडी के ये मजबूत बाल स्कैल्प हेयर ट्रांसप्लांट के तौर पर एक चमत्कार के तौर पर साबित हो रही है।
डॉ. ए हेयर ट्रांसप्लांटेशन सेंटर वर्ल्ड के सबसे पहले और कामयाब हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर के तौर पर जाना जाता है। ये बॉडी हेयर को स्कैल्प हेयर ट्रांसप्लांट में कनवर्ट करने का काम करता है। रिसर्च की मानें तो बॉडी हेयर और बियर्ड हेयर का इस्तेमाल स्कैल्प ट्रांसप्लांट के लिए आसानी से किया जा सकता है।
इस इन्वेंशन के द्वारा किसी भी शख्स के दाढ़ी के मोटे बालों का इस्तेमाल स्कैल्प में घने और मजबूत बालों के लिए किया जाता है जो एक नेचुरल लुक देता है।
ये सच है कि भारत को आविष्कार के मामले में जीरो क्रेडिट दिया जाता है लेकिन ये भी सच है कि बॉडी हेयर से स्कैल्प ट्रांसप्लांट का श्रेय भी एक इंडियन डॉक्टर डॉ. अरविंद पोषवाल और इनके क्लिनिक को जाता है।
डॉ. अरविंद पोषवाल के द्वारा बॉडी हेयर ट्रांसप्लांट पर दिये गए गाइडलाइन-
-बॉडी डोनर को तीन से पांच दिन पहले बॉडी प्रीशेव करानी पड़ती है।
-हेयर ट्रांसप्लांट के लिए सिर्फ बॉडी डोनर हेयर का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
-ट्रांसप्लांट किये गए बॉडी हेयर की खासियत वैसी ही रहती है जैसी वो पहले स्थिति में रहती है। उनकी लंबाई, रंग और स्वभाव पहले जैसा ही रहता है।
-स्कैल्प के किसी भी हिस्से में बॉडी हेयर ट्रांसप्लांट का काम किया जा सकता है।