कैसे करें हाथों की देखभाल
सही रख-रखाव वाले और साफ-सुथरे हाथ न केवल आकर्षक दिखते हैं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी भी हैं क्योकि ज्यादातर इंफेक्शन गंदे हाथों से ही फैलते हैं।
सही रख-रखाव वाले और साफ-सुथरे हाथ न केवल आकर्षक दिखते हैं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी भी हैं क्योकि ज्यादातर इंफेक्शन गंदे हाथों से ही फैलते हैं। आपके हाथों की सही केयर कोई मुश्किल काम नहीं है और हैंडवॉश तथा माइश्चराईजिंग का डेली सिम्पल रूटीन काफी है तथा ज़रूरत होने पर नाखूनों की ट्रिमिंग की जानी चाहिये। आपके हाथों को साफ रखने के लिये सोप बार और लिक्विड क्लींजर्स समान रूप से अच्छे हैं लेकिन अपने नाखून और अंगुलियों को स्क्त्रब करना मत भूलें जिससे नाखूनों के नीचे मैल न रहे। फिंगरनेल ब्रशेज भी मार्केट में उपलब्ध हैं जो आपके नाखूनों के हर तरफ की सभी गंदगी को सही से साफ करते हैं। हर पखवाडे अपने नाखूनों की ट्रिमिंग अच्छी आदत है लेकिन इसे करते समय सावधानी बरतें कि क्यूटिकल्स न कटने पायें जो नेल बेड की सुरक्षा करते हैं इसके बजाय अपने नाखूनों के नेचुरल कर्व को फॉलो करें। सही तरह से ट्रिम किये जाने वाले नाखूनों में दर्द की वजह बनने वाले इन्ग्रोन नेल्स या हैंगनेल्स के चास कम हो जाते हैं। ट्रिमिंग के बाद अपने नाखूनों को मॉइश्चराईज़ करके आप उन्हें कमजोर होने से बचा सकते हैं।
हाथों पर पिगमेंटेशन डेवलप होने से वे एजिंग के संकेत प्रदर्शित कर सकते हैं इसलिये मॉइश्चराईज़र के अलावा अपने हाथों को डैमेज होने से बचाने के लिये सनस्क्त्रीन का उपयोग करना चाहिये। साबुन से धोये जाने पर हाथ सूखे हो जाते हैं इसलिये त्वचा को ड्राइता और क्त्रैक होने से बचाने के लिये मॉइश्चराइजर इस्तेमाल करना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा अपने हाथों की अच्छी केयर के लिये दूसरे उपाय भी अपनाने चाहिये हर माह मेनीक्योर कराना कोई बुरा विचार नहीं है क्योंकि इससे न केवल आपके हाथ संवरते हैं बल्कि आपकी ओवरऑल एपीयरेंस और हाइजीन का स्तर भी सुधरता है।
पैरों की केयर करने को अनेक लोगों द्वारा तब तक उपेक्षित किया जाता है जब तक कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं हो जाती जैसे एथलीट्स फुट या कोई दर्दयुक्त कार्न या फिर हर मौसम में पैर लगातार बदबू करने लगते हैं। पैरों के अंगूठे और अंगुलियों की ट्रिमिंग सावधानीपूर्वक की जानी चाहिये क्योंकि त्वचा के बिल्कुल पास ट्रिमिंग करने से इंफेक्शन का खतरा उत्पन्न हो सकता है। पैरों की अंगूठे-अंगुलियों की सही ट्रिमिंग न होने से दर्दयुक्त हैंगनेल्स या इनग्रोन टो-नेल्स बन सकते हैं। सही तरह से फिट न आने वाले जूतों या चलने-फिरने के गलत ढंग के कारण पैरों में कॉलसेस और कार्न्स विकसित हो सकते हैं। यदि ये बहुत कठोर नहीं हों तो इनको घर पर ही अपने पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर और उनको प्यूमिस स्टोन से रगड़ने से छुटकारा पाया जा सकता है। ज्यादा कड़े कार्न्स को मेडिकल सहायता की ज़रूरत होती है। फंगल इंफेक्शनों को दूर रखने के लिये फुट हाइजीन महत्वपूर्ण है। अपने पैरों को पूरी तरह से खासकर अंगूठों अंगुलियों के बीच अच्छी तरह धोकर सुखाना ज़रूरी है। यदि आपके पैरों में ज्यादा पसीना आने की परेशानी है तो मेडिकेटेड पाउडर का उपयोग करें और रोज धुले मोजे पहनें जिससे फंगल इंफेक्शन से बचाव हो सके। लम्बे समय से बदबू करने वाले पैरों में बैक्टीरियल इंफेक्शन हुआ हो सकता है जिसे डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी होता है।
पेडीक्योर फीट केयर का अच्छा उपाय है क्योंकि यह पैरों की सभी समस्याओं को दूर रखते हुए आकर्षक बनाता है। पेडीक्योर पैरों से डेड त्वचा को हटाता है इन्ग्रोन टो-नेल्स से बचाव करता है और कॉलसेस और कार्न्स से छुटकारा दिलाता है। पेडीक्योर से बदबू करने वाले पैरों का भी ट्रीटमेंट किया जा सकता है!
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