Move to Jagran APP

Exclusive: 'सा रे गा मा पा' का हंसता हुआ नूरानी चेहरा याद है क्या आपको...

गिरीश बताते हैं कि जब वो अंत्याक्षरी का हिस्सा बने, तो अन्नू कपूर के साथ खूब जमती थी उनकी। अन्नू कपूर एंकरिंग करते थे, उतने मजे लेकर वो अपनी टीम के साथ आर्केस्ट्रा करते थे।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 05:28 PM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 05:52 PM (IST)
Exclusive: 'सा रे गा मा पा' का हंसता हुआ नूरानी चेहरा याद है क्या आपको...
Exclusive: 'सा रे गा मा पा' का हंसता हुआ नूरानी चेहरा याद है क्या आपको...

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। दादा लोग रेडी... रेडी...और फिर बस जम जाती थी अंत्याक्षरी की महफिल। जी टीवी पर प्रसारित होने वाले शो अंत्याक्षरी के अन्नू कपूर को कोई भूल सकता है भला। जिस तरह प्रतिभागियों की महफिल जमती थी, एक से एक नगमे बजाये जाते थे और पूरा माहौल संगीतमय हो जाता था और बीच-बीच में अन्नू कपूर कहते थे दादा लोग रेडी, और पीछे बैठी म्यूजिकल टीम बस शुरू हो जाती थी।

loksabha election banner

उसी टीम में आपने गौर किया होगा, एक हंसता हुआ नूरानी चेहरा, जो खूब मजे ले लेकर कभी ढोलक, तो कभी बगलबच्चा इंस्ट्रूमेंट तो कभी तबले पर नजर आते थे। फिर वही चेहरा जी टीवी की अगली पेशकश सारेगामापा में भी नजर आने लगी। उस दौर में चूंकि वेंकेटेश का गाना फूलों सा चेहरा तेरा... काफी लोकप्रिय था और उस चेहरे की झलक इनमें भी नजर आती, तो दर्शक कंफ्यूज होकर कहते कि अरे ये तो अनाड़ी वाला हीरो है। वक्त बदला, दौर बदला और सा रे गा मा पा ने भी कई दशक का सफल सफर तय किया है। होस्ट बदले। जज बदले। प्रतिभाएं उभरीं और उन्हें मौके मिले अगर कुछ नहीं बदला, तो वेंकेटेश से मिलने वाले उस शख्स की हंसी और उनके मजे लेकर ड्रम ढोलक बजाने का अंदाज़।

हम बात कर रहे हैं गिरीश की, जो सा रे गा मा व अंत्याक्षरी के शुरुआती दौर से दर्शकों का मनोरंजन अपनी म्यूजिकल अदा से कर रहे हैं। जी टीवी पर एक बार फिर से सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स की शुरुआत हो चुकी है।ऐसे में जागरण डॉट कॉम ने गिरीश के माध्यम से अब तक के सफर को याद करने की कोशिश की।

हंसी को बनाया सिग्नेचर स्टाइल

गिरीश बताते हैं कि जब वो अंत्याक्षरी का हिस्सा बने, तो अन्नू कपूर के साथ खूब जमती थी उनकी। इसलिए जितने मजे से अन्नू कपूर एंकरिंग करते थे, उतने मजे लेकर वो अपनी टीम के साथ आर्केस्ट्रा करते थे। गिरीश ने अपने शुरुआती दौर में ओपी नय्यर, कल्याण जी-आनंद जी, ख्य्याम, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जैसे दिग्गजों के साथ म्यूजिकल आॅर्केस्ट्रा बजाया है। गिरीश उस दौर को याद करते हुए बताते हैं कि अन्नू कपूर ने ही जब गिरीश को हंसते हुए देखा था, तो कहा था कि दादा एकदम इसको अपना सिग्नेचर बना लो। हिट हो जाओगे। लोग तुम्हारे संगीत को याद रखेंगे। गिरीश बताते हैं कि सारे म्यूजिकल रिएलिटी शो को टीवी पर लाने का क्रेडिट गजेंद्र सिंह को ही जाना चाहिए और उन्होंने ही सा रे गा मा पा और अंत्याक्षरी के पहले सीजन से लेकर अब तक जुड़े रहने में गिरीश की मदद की थी।

गिरीश बताते हैं कि स्टेज आॅडिटोरियम काफी छोटा होता था, तो हम लोग पहले जमीन पर बैठ कर रिहर्सल करते थे। अब तो सब कुछ ग्रैंड हो चुका है। पहले पूरी टीम के साथ रिहर्सल होती थी।

सोनू की मस्ती

गिरीश बताते हैं कि सोनू निगम कमाल के सिंगर तो थे ही। उनमें एक्टिंग एबिलिटी भी कमाल की थी। उन्होंने अपनी होस्टिंग में भी एक केरेक्टर पकड़ लिया था और जब भी वो सेट पर आते थे। पहले मस्ती-मजाक जोक्स का दौर चलता था। हम सबके साथ खूब रिहर्सल करते थे और खूब आदर सम्मान देते थे। फिर जाकर हम लोग आगे बढ़ते थे। गिरीश बताते हैं कि आगरा में सा रे गा मा पा की शूटिंग हो रही थी। उस वक्त इतने लोग आ गये थे कि स्टेज टूट गया था। काफी लोग जख्मी हो गये थे। फिर जी टीवी ने सबके इलाज की ज़िम्मेदारी उठाई थी। गिरीश कहते हैं कि वह संगीतप्रेमियों वाला दौर था और उस वक्त रिएलिटी शोज भी कम थे। इसलिए बेहद खास थे।

शान की हिंदी

शान की हिंदी गिरीश बताते हैं कि सा रे गा मा पा में फिर जब एंकर के रूप में शान आये, तब भी काफी मजा आता था। शान की हिंदी पर उस वक्त उतनी पकड़ नहीं थी, लेकिन वो भाषा पर काफी मेहनत करते थे। हम लोगों के खूब रिटेक्स होते थे, लेकिन शान की मेहनत देखकर हम लोग भी इरिटेट नहीं होते थे। उनको सपोर्ट करते थे।

जब सलमान चलकर मिलने आये

सलमान खान के साथ गिरीश ने कई टूर वाले शोज किये हैं, लकिन उन्हें यह बात पता नहीं थी कि सलमान उनको याद रखेंगे। गिरीश बताते हैं कि कुछ दिनों पहले जब वह सेट पर आये और उनकी निगाह मुझ पर गयी तो जज की कुर्सी से उठकर आये और गले मिले। दादा कैसे हो। सब मजे में ना। अमिताभ बच्चन, आमिर खान व कई कलाकारों के साथ वर्ल्ड टूर पर संगीत का प्रदर्शन कर चुकी है गिरीश की टीम। बगलबच्चा इंस्ट्रूमेंट गिरीश बताते हैं कि वे बगलबच्चा इंस्टूमेंट बजाने में माहिर हैं और इसका नाम इसलिए बगलबच्चा पड़ा, क्योंकि इसे बाहों में कसकर बजाया जाता है। इस इंस्ट्रूमेंट को बजाने के लिए उन्हें हमेशा पसंद किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.