फिल्म रिव्यू: द वेटीकन टेप्स (1 स्टार)
एक और डरावनी फिल्म। बिलकुल उसी तर्ज पर की कम बजट और कमजोर कहानी। फिर भी कोशिश दर्शकों को रिझाने की। इस बार हमारे सामने है 'द वेटीकन टेप्स'। ऐसी कई फिल्में हॉलीवुड में पहले भी बन चुकी है। इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है।
प्रमुख कलाकार: कैथलीन रॉबर्टसन, माइकल पेना
निर्देशक: मार्क नेवेल्डीन
स्टार: 1
एक और डरावनी फिल्म। बिलकुल उसी तर्ज पर की कम बजट और कमजोर कहानी। फिर भी कोशिश दर्शकों को रिझाने की। इस बार हमारे सामने है 'द वेटीकन टेप्स'। ऐसी कई फिल्में हॉलीवुड में पहले भी बन चुकी है। इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है।
फिल्म का निर्देशन मार्क नेवेल्डीन ने किया है। ऐसा लगता है कि मानो वो डायरेक्शन ही भूल गए हों। कारण कि इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं जो उनकी पुरानी फिल्मों की याद दिलाए। ना डर है और ना ह्यूमर।
फिल्म की कहानी एक यंग लड़की के ईर्द-गिर्द घूमती है। यह किरदार निभाया है ओलिविया डुडली ने। विज्ञान और दवा के होने वाले दुष्प्रभावों पर बात करती इस फिल्म में लड़की को एक व्यक्ति नोटिस करता है। इसके बाद वो इस कोशिश में लग जाता है कि कैसे वो इस लड़की को इस मुश्किल से बचाएगा।बस फिर इसके बाद तरह-तरह के तरीके आपको दूसरी डरावनी फिल्मों की याद दिलाते हैं।
अब यदि आपको लग रहा हो कि क्या बोरिंग फिल्म है। तो आपको इससे भी आगे की बात महसूस होगी। फिल्म उम्मीद से ज्यादा ही डल है। डराने के लिए इस्तेमाल किए गए सीन भी नाकामायाब है।
इस तरह की फिल्मों में पहले भी वेटीकन चर्च से जुड़ा कुछ किस्सा बताया जा चुका है। ऐसे में यह कुछ नया नहीं है। यह भी विडंबना ही है कि हॉरर फिल्मों की गोल्डन एज में भी ऐसी हॉरर फिल्में बन रही है। इस फिल्म में टाइमपास भी नहीं किया जा सकता है।