फिल्म रिव्यू: पिक्सल्स (1 स्टार)
एडम सेंडलर की वो क्या बातें हैं जो उन्हें सामान्य से कुछ अलग इंसान बनाती है। उनका चेहरा। उनकी कॉमेडी टाइमिंग। उनकी अजीब आवाज। यह सबकुछ फिल्म में हैं। उनकी कुछ पहली फिल्में जो थी वो बेस्ट थी। बहरहाल उनकी हालिया रिलीज फिल्म एक डरावना अनुभव ही है। यह बहुत
प्रमुख कलाकार: एडम सैंडलर, केविन जेम्स, मिशेल मोनाघन, पीटर डिंकलेज
निर्देशक: क्रिस कोलंबस
स्टार: 1
एडम सेंडलर की वो क्या बातें हैं जो उन्हें सामान्य से कुछ अलग इंसान बनाती है, वो है उनका चेहरा। उनकी कॉमेडी टाइमिंग। उनकी अजीब आवाज। यह सबकुछ फिल्म में हैं। उनकी कुछ पहली फिल्में जो थी वो बेस्ट थी।
बहरहाल उनकी हालिया रिलीज फिल्म एक डरावना अनुभव ही है। यह बहुत ही परेशान कर देने वाली है। फिल्म का कंसेप्ट ही अजीब है। सेंडलर ने पूरी फिल्म को खत्म कर दिया है। फिल्म का डायरेक्शन क्रिस कोलंबस ने किया है। मगर इसमें 'हैरी पॉर्टर' वाली बात देखने को नहीं मिली।
'पिक्सल' एक शार्ट फिल्म पर बेस्ड है। इसमें जो किरदार हैं वो आपके पसंदीदा वीडियो गेम्स से ही लिए गए हैं। यदि आपने यूट्यूब पर फिल्म देखी हो तो आपको यह महसूस भी होगा। मगर एडम सेंडलर और उनकी टीम के आगे सारी बातें रखी रह गई।
हां वीडियो गेम्स के कैरेक्टर्स को देखना अपने आपमें कुछ देर के लिए मजा देता है मगर ज्यादा समय तक नहीं। फिल्म में यह बात समझ में नहीं आती है कि आखिर लोग झगड़ क्यों रहे हैं। पूरी समय सेंडलर को देखना पड़ता है। उनकी टीम अजीब चीजें कर रही होती हैं। दर्शक उसी में घूमते रहते हैं। फिल्म में सबकुछ इतना लाउड है कि बाकी बातें गुम कर रह जाती है। इस फिल्म में बहुत सारी बातें ऐसी है जो आपको पसंद ना आए। कारण कि इससे अच्छा तो यही है कि घर पर बैठकर हम वीडियोगेम खेलें।