फिल्म रिव्यू: होटल ट्रांसेल्वेनिया 2 (2 स्टार)
मॉन्सटर कॉमेडी एक बार फिर से दर्शकों के बीच पहुंच चुकी है। इस बार कुछ अलग है। जो अच्छा भी लगता है। थोड़ी मजेदार है और थोड़ी क्यूट। बावजूद इसके फिल्म आपको फुसलाती प्रतीत होती है। ड्राकूला अपने खतरे को लेकर ज्यादा कठोर नहीं है। अब तो मानव मेहमानों को
निर्देशकः जेंडी टर्टाकोवस्की
मॉन्सटर कॉमेडी एक बार फिर से दर्शकों के बीच पहुंच चुकी है। इस बार कुछ अलग है। जो अच्छा भी लगता है। थोड़ी मजेदार है और थोड़ी क्यूट। बावजूद इसके फिल्म आपको फुसलाती प्रतीत होती है। ड्राकूला अपने खतरे को लेकर ज्यादा कठोर नहीं है। अब तो मानव मेहमानों को भी छूट मिली हुई है।
एक वेंपायर है जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। कारण कि यह वेंपायर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नहीं प्रतीत होती है।
ड्राकूला की बेटी हैं माविस। उसका एक बॉयफ्रेंड है जॉनाथन। यह एक आदमी है। यह पहला मौका होता है जब होटल के दरवाजे किसी व्यक्ति के लिए खुलते हैं। माविस के बेटे डेनिस भी इस पारंपरिक पेशे में फंसते प्रतीत नहीं होते हैं।
डायरेक्टर जेंडी टर्टाकोवस्की हैं। आवाज देने वाले सितारों में एडम सेंडलर, सेलेना गोमेज, केविन जेम्स, स्टीव बुचेमी, एंडी सेमबर्ग, डेविड स्पेड, फ्रेन ड्रेचर, मेल ब्रूक्स, कीजन-माइकल की, क्रिस कट्टन और जूलिया ली वोल्वो।
इस बार एडम सेंडलर एक बार फिर रॉबर्ट स्मिगल के साथ काम करते हुए नजर आए हैं। इसलिए जोक्स भी उसी अंदाज में पेश हुए हैं। कहानी कहने का तरीका भी डल ही है। कई बार इसमें रुकाव या ठहराव सा दिखाई पड़ता है। यही कारण है कि इसमें गति नहीं बन पाती। सीजीआई एनिमेशन भी क्यूट है। मगर यह पिक्सर या डिज्नी की तुलना का नहीं दिखाई देता। वोकल कास्ट मजेदार है। मगर इसमें भी तारतम्य नहीं है। मगर बावजूद इसके लचीलापन होने के कारण दर्शक कहीं भी इससे बंध नहीं पाते। क्लाइमैक्स अच्छा है। बावजूद इसके इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे आप दोबारा देखना चाहे।
-जॉनसन थॉमस