फिल्म रिव्यू: एंटोरेज (2 स्टार)
'एंटोरेज' टेलीविजन पर सालों पहले एक सक्सेस शो था। इसकी कॉमेडी का अपना ब्रांड था क्योंकि यहां पर अजीबोगरीब चुटकुले से हास्य पैदा करने की कोशिश की जाती थी। इसे बाद में पसंद किया जाने लगा। कुछ ही टीवी शो ऐसे हुए हैं जिनपर बाद में फिल्म बनी और सफल
स्टार कास्ट - केविन कोनोली , एड्रियन ग्रेनियर , केविन डिलन , जैरी फेरारा
डायरेक्टर - डोफ एलिन
'एंटोरेज' टेलीविजन पर सालों पहले एक सक्सेस शो था। इसकी कॉमेडी का अपना ब्रांड था क्योंकि यहां पर अजीबोगरीब चुटकुले से हास्य पैदा करने की कोशिश की जाती थी। इसे बाद में पसंद किया जाने लगा। कुछ ही टीवी शो ऐसे हुए हैं जिनपर बाद में फिल्म बनी और सफल रही। ऐसा 'एंटूरेज' को देखकर तो नहीं लगता क्योंकि यह बहुत अच्छी नहीं है।
फिल्म में मूल पात्र केविन कोनोली , एड्रियन ग्रेनियर , केविन डिलन , जैरी फेरारा , और जेरेमी पिवन जैसे नाम शामिल है। इनकी वापसी अच्छी है। मगर ऐसा हर साल कई फिल्मों के साथ देखा जाता है कि मजबूत स्टारकास्ट होने के बूत फिल्म सफल नहीं हो सकती है। कारण कि फिल्म की मजबूती के लिए बाकी बातें भी जरूरी होती है। दूसरा इस फिल्म की कास्ट को कितने लोग जानते हैं। यह भी एक मसला है। केवल जेरेमी पिवन एक नाम है जिन्हें दर्शक जानते हैं।
फिल्म की कहानी एक लड़के की इच्छाओं पर आधारित है। इसमें एक लड़का है जिसने नौ दिनों में अपनी शादी खत्म की है और अब वो फिल्म बनाना चाहता है। फिल्म ओवर बजट जा रही है इसलिए दूसरे लड़के को फिल्म के लिए पैसे मांगने पड़ते हैं। समूह का एक और लड़का फिल्म निर्माण के तेल व्यापारी से पैसा लेने का सोचता है। यहां से कहानी में मोड़ आता है। कारण कि ये लोग जैसा सोचते हैं चीजें वैसी नहीं होती है।
फिल्म के साथ एक बात और खलती है कि यहां पर कोई भी किरदार जमकर खड़ा हुआ नहीं दिखता है। फिल्म में कुछ किरदार या तो सैक्सी बात करने के लिए हैं या फिर मूर्ख चुटकुले सुनाने के लिए। फिल्म में कुछ नया करने की कोशिश हुई है तो वो केवल यह है कि यहां पर चुटकुलों को नए अंदाज में पेश करने का प्रयासभर किया गया है। फिल्म उस एपिसोड की भांति है जिसे आप रिजेक्ट कर देते हैं। हालांकि कहानी रोचक बन सकती थी मगर ऐसा नहीं हो पाया। फिल्म में ऐसा कोई किरदार भी नहीं है जो आपको बांध सकें।
फिल्म में हर थोड़ी देर में एक कैमियो आता है जो आपको बांध सके मगर ऐसा भी नहीं हो पाता है।