फिल्म रिव्यू: बिग गेम (3 स्टार)
फिल्म में कई मौके ऐसे आते हैं जब आपको लगता है कि हां यह बात नई देखी। यही फिल्म की खास बात है।
डायरेक्टर - जलमारी हेलेंडर
कास्ट - सेम्युअल एल जैक्सन, जिम ब्रॉडबेंट, टेड लेविन
इस समय सेम्युअल जैक्सन कुछ और भी अच्छा कर सकते हैं। कारण कि अब वो जो करते हैं वो बोरिंग सा लगता है। हालांकि कुछ बातें अच्छी भी होती है। फिर वो अच्छा काम करे या फिर बुरा। वे हमेशा ही सेम्युअल जैक्सन लगते हैं। वे जानते हैं कि दर्शकों को क्या पसंद है। सवाल यह है कि क्या बकवास बातों को वे किस क्रेजीनेस के साथ प्रेजेंट करते हैं।
इस बार भी वे इस फिल्म में स्टार हैं। यूनाइटेड स्टेट के प्रेसीडेंट बने हैं। उनका प्लेन क्रेश होकर फिनलैंड के जंगलों में गिर गया है। यहां उनकी उम्मीद केवल एक 13 साल के लड़के के साथ जुडी हुई है। लड़के का नाम है ऑस्करी। वो एक मिशन पर बाहर है। फिल्म का प्लॉट तो बकवास है। शुरूआत के कुछ मिनटों में हमको मनोरंजक फिल्म के तौर पर ट्रीट किया जाता है। आतंकवादी इन दोनों को ही बंद कर लेते हैं। जब वे देखते हैं कि यूएस कंट्रोल रूम लाचार हो चुका है।
हालांकि पूरी फिल्म के दौरान आप इस बात से ऊपर नहीं सोच पाते कि फिल्म विश्वास से परे है। प्लॉट बहुत ही बकवास है। जैक्सन कई मौकों पर अपनी ही कुछ चर्चित लाइन्स दोहराते नजर आते हैं। विलेन का किरदार भी पुरानी फिल्मों से बहुत ही ज्यादा मिलता-जुलता है। बच्चे की यह लाइन कि हमें तो मजबूत होना ही पड़ता है। आपको दूसरी फिल्मों की याद दिलाती है। यह बोलने की जरूरत ही नहीं है कि फिल्म के दौरान जैक्सन और ऑस्करी के बीच अच्छी दोस्ती हो जाती है।
इन बातों के बाद भी कलाकारों का काम ठीक-ठाक है। अमेरिकन एक्सेंट में बात करते ब्रिटिश एक्टर को देखना सुखद है। जैक्सन हमेशा की तरह मनोरंजन करते दिखते हैं।किसी भी फिल्म का रिव्यू पढ़ने के लिए क्लिक करें