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मुझसे पहले ही इंप्रेस थे सूरज बड़जात्या - सोनम कपूर

फिल्म ‘रांझणा’ की रिलीज के एक हफ्ते बाद सोनम कपूर को सूरज बड़जात्या का फोन आया। उन्होंने फिल्म में सोनम के काम की तारीफ की और अपनी फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के बारे में बताया। सूरज बड़जात्या ने अपने ‘प्रेम’ यानी सलमान खान को सोनम के बारे में बता

By Monika SharmaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2015 10:52 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2015 11:31 AM (IST)
मुझसे पहले ही इंप्रेस थे सूरज बड़जात्या - सोनम कपूर

सूरज बड़जात्या के साथ काम और फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ की चर्चा से उत्साहित सोनम कपूर मानती हैं कि मैथिली के रूप में इसका किरदार उनके व्यक्तित्व के काफी करीब है। अजय ब्रह्मात्मज से बातचीत के अंश...

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फिल्म ‘रांझणा’ की रिलीज के एक हफ्ते बाद सोनम कपूर को सूरज बड़जात्या का फोन आया। उन्होंने फिल्म में सोनम के काम की तारीफ की और अपनी फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के बारे में बताया। सूरज बड़जात्या ने अपने ‘प्रेम’ यानी सलमान खान को सोनम के बारे में बता दिया था। तब सलमान खान ने ही कहा था कि एक बार सोनम से बात कर लें। कहीं उसे कोई हिचक न हो। सोनम बताती हैं, ‘मैंने सूरज सर से कहा कि सलमान ने मुझसे दो साल छोटी सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम किया है। फिर प्रॉब्लम क्या है?’ बाद में सलमान खान ने पूरी स्क्रिप्ट सुनी तो माना कि मैथिली की भूमिका में और कोई नहीं जंचेगी।

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इंडस्ट्री में है आम बात
इस बीच ‘प्रेम रतन धन पायो’ में सलमान के साथ बाकी हीरोइनों के नाम उछलते रहे। सोनम ‘खूबसूरत’ और ‘डॉली की डोली’ की शूटिंग में व्यस्त रहीं। इस संबंध में पूछने पर सोनम कहती हैं, ‘मैं भी पढ़ती और सुनती थी। हंसी आती थी। लेकिन क्या कर सकते हैं? अपनी इंडस्ट्री ही ऐसी है।’

पसंद आया व्यक्तित्व
‘प्रेम रतन धन पायो’ राजश्री और सूरज बड़जात्या के मिजाज की फिल्म है। उनकी फिल्मों में खास किस्म की सादगी और ईमानदारी रहती है। सोनम फिल्म में उनके चुने जाने की वजह शेयर करती हैं, ‘सूरज जी ने मुझे बताया कि वो मेरी ऑफ स्क्रीन इमेज से बहुत प्रभावित थे। मैं पब्लिक में जिस डिग्निटी से पेश आती हूं, उसमें उन्हें भारतीय संस्कृति की झलक मिली। उन्हें मेरी ये बात भी पसंद है कि मैं अपनी पर्सनल लाइफ को बिल्कुल अलग रखती हूं। पिता और परिवार के साथ मेरे संबंध के बारे में भी उन्होंने बताया कि आपकी सार्वजनिक छवि में मॉडर्न और ट्रेडिशन का सुंदर मेल है। मुझे फिल्म में ऐसी ही लड़की चाहिए। मैथिली शर्मीली नहीं है। वो अपनी बात रखना जानती है। बाद में सलमान ने मुझे बताया कि सूरज जी ने मुझे सोच कर ही कैरेक्टर गढ़ा था।’ वास्तव में किसी एक्टर के लिए यह बड़ी उपलब्धि होती है कि डायरेक्टर उसे ध्यान में रख कर कैरेक्टर और स्क्रिप्ट लिखे। सोनम बताती हैं, ‘मैंने जब सूरज जी से पूछा कि मुझे क्या करना है, तो उनका एक ही जवाब होता था-बी योर सेल्फ। उन्होंने मुझे कपड़ों के केवल रंग बता दिए थे और कहा था कि आप देख लो कि आपको क्या पहनना है?’

पारिवारिक है स्टोरी
किसी और एक्टर की तरह ही सोनम कपूर भी फिल्मों की कहानी और ट्रीटमेंट के विस्तार में नहीं जाना चाहतीं। उनके अनुसार, ‘यह आज की प्रेमकहानी है। इन दिनों भाई-बहनों और रिश्तों में अनेक गलतफहमियां होती हैं। पहले उन्हें सुलझा लिया जाता था। अभी स्थितियां बदल गई हैं। इस फिल्म में थोड़ा डिस्टर्ब रोमांस है। फिल्म में प्रेम कहता है कि ‘तुम मुझे बताओ कि क्या दिक्कत है। तुम चुप रहोगी, उदास हो जाओगी, सिसकोगी, फिर मैं कैसे समझूंगा।’ यह फिल्म गलतफहमियों के बारे में भी है। परिवार पर पूरा जोर है। आखिर में परिवार ही साथ खड़ा रहता है।’

मिला अलग अनुभव
सभी बड़े समकालीन निर्देशकों के साथ काम कर चुकी सोनम के लिए सूरज बड़जात्या के साथ काम करना एक नया अनुभव रहा। सोनम उनकी तारीफ करती हैं, ‘फिल्म साइन करते ही मुझे स्क्रिप्ट मिल गई थी। उस स्क्रिप्ट में केवल दो-चार संवाद ही बदले गए हैं। शॉट डिवीजन तक वही रहे। हमने क्लाइमेक्स से शूटिंग आरंभ की और फस्र्ट शॉट से फिल्म खत्म की।’ इमोशन को उल्टी दिशा में लेकर चलने में कठिनाई तो होती होगी? इस सवाल पर सोनम कहती हैं, ‘अगर स्क्रिप्ट सही हो और डायरेक्टर को सब मालूम हो तो कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं बहुत होमवर्क करती हूं। सब लिख लेती हूं। डायरेक्टर से खूब पूछती हूं। फिर सब समझ में आ जाता है। सूरज जी ने पांच सालों में यह स्क्रिप्ट लिखी है। उन्हें ही सब मालूम है। हर दिन सुबह मैं उनसे पूछती थी कि चार सीन पहले क्या है और चार सीन बाद क्या है? सूरज जी ने मुझे सराहा और कहा कि ‘तुम बहुत इनवॉल्व हो।’

बहुत सहज है फिल्म
अपने किरदार मैथिली के बारे में सोनम इतना ही बताती हैं, ‘वह एक राजकुमारी है। उसकी एक दादी हैं। परिवार में और कोई नहीं है। चंदा मेरी सहेली है। उसकी मंगनी प्रिंस विजय सिंह से हो गई है, लेकिन वह प्रेम से प्यार करती है। प्रेम किसी भी तरह मैथिली को खुश करना चाहता है। मैथिली को अपने जीवन में प्रेम चाहिए, प्रेम व्यक्ति नहीं, प्रेम का एहसास। प्रेम उसे वह एहसास देकर खुश करना चाहता है। फिल्म देखेंगे तो सब सीधा और सरल लगेगा।’

स्वरा है बेस्ट फ्रेंड
सोनम स्वरा को अपना बेस्ट फ्रेंड मानती हैं, ‘इस इंडस्ट्री में ऐसे कम लोग मिलते हैं, जिनसे दोस्ती हो सके। उस जैसी एक्टर हमारी इंडस्ट्री में कम ही हैं। वह काफी पढ़ी-लिखी है। उससे किसी भी विषय पर बात कर लो। आप ही बताओ, उससे नहीं तो और किस से बात करूं? यहां तो हर बात का लोग अलग मतलब निकालते रहते हैं। वह मुझे समझाती है। दुनियावी तौर-तरीके भी बताती है। इस फिल्म में स्वरा का मेजर रोल है। वह मेरी दोस्त है तो फिल्म में भी मुझे फायदा हुआ।’

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