मेरी रगों में दौड़ती है एक्टिंग - करीना कपूर
कामयाब फिल्मों का पर्याय बन चुकीं करीना कपूर खान अब नजर आने वाली हैं सलमान खान के साथ ‘बजरंगी भाईजान’ में। उनसे अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत के अंश...
कामयाब फिल्मों का पर्याय बन चुकीं करीना कपूर खान अब नजर आने वाली हैं सलमान खान के साथ ‘बजरंगी भाईजान’ में। उनसे अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत के अंश...
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‘बजरंगी भाईजान’ में आपका किरदार कैसा है?
सबसे दिलचस्प बात यह है कि मैं सलमान खान के संग फिर से काम कर रही हूं। ‘बॉडीगार्ड’ सफल रही थी। सो,
आम जनता भी उत्साहित है कि हम दोनों साथ आ रहे हैं। फिल्म की यूएसपी कबीर खान भी हैं। मैंने पहले कभी उनके संग काम नहीं किया था। यह बड़ा रोचक अनुभव रहा। इस फिल्म में मेरा किरदार बड़ा मजेदार है। वह चांदनी चौक के एक स्कूल में टीचर है। वह कैसे सलमान के किरदार से मिलती है, कैसे एक बच्ची उनकी जिंदगी में आती है, फिर दोनों कैसे उसे उसके घर पहुंचाते हैं, यह सब कुछ फिल्म में है।
यह टीचर कैसी है, साड़ी वाली या...?
नहीं, यंग और मॉडर्न। टिपिकल चांदनी चौक वाली। वह लुक और फील तो आएगा।
लेकिन दिल्ली वाली लड़की का रोल तो आपने पहले भी किया है?
यह वाला किरदार बड़ा मैच्योर है। पहले थोड़ी बबली, चर्पी किस्म की लड़की का किरदार निभाया था। ‘जब वी मेट’ वाला तो बिल्कुल अलग ही मामला था, मगर इसमें मेरा अवतार एक बेहद मैच्योर लड़की का है।
कबीर खान के संग क्या खास बात लगी?
वे हमेशा बड़ी फिल्में बनाते हैं लेकिन उनमें अच्छी कहानी होती है। यह नहीं कि महज गाने चल रहे हैं। स्क्रीन पर उनकी फिल्म काफी विश्वसनीय लगती है, इसलिए जिस सलमान को हम टिपिकल फिल्मों में देखते हैं, कबीर की फिल्मों में वह बेहद अलग होता है।
करीना को हमने ग्रो और मैच्योर होते देखा है। आप अपनी जर्नी को किस तरह देखती हैं?
लोग अक्सर कहते हैं कि एक एक्ट्रेस की शेल्फ लाइफ दस साल की होती है। जिस दिन ‘उड़ता पंजाब’ रिलीज होगी, उस दिन इंडस्ट्री में मैं 16 साल पूरे कर लूंगी। एक्टिंग में इतनी ताकत और दिलचस्पी आज भी है कि क्या कहूं, मुझे वह करना पसंद है। एक्टिंग मेरी रगों में दौड़ रही है। कुछ कामर्शियल फिल्में, कई लीक से जुदा फिल्में, सब कुछ करने को मिला है।
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आप खुद को किस मूड में पा रही हैं? आपसे शिकायत रही है कि आपने इंडस्ट्री को हंड्रेड पर्सेंट नहीं दिया है?
बिल्कुल, लेकिन वह समर्पण शायद अगले पांच सालों में आप लोगों को दिखेगा। अब मैं वैसा काम कर रही हूं।
मैंने बाल्की के संग पहले कभी काम नहीं किया, उनके संग कर रही हूं। अभिषेक चौबे के साथ कर रही हूं। कबीर के संग भी पहले कभी काम नहीं किया था। उक्त सभी की खासियत है कि उनकी फिल्में कामर्शियल जोन में रहते हुए भी काफी रियल रहती हैं।
एक फेज ऐसा भी आया जब आपको ‘फ्लॉप फिल्मों की हिट हीरोइन’ का टाइटिल दिया गया। उस दौर में खुद को भटकने व किसी और पर नाराज न होने देने से खुद को कैसे रोका?
मेरे ख्याल से अपनी प्रतिभा पर भरोसा होना बहुत जरूरी है। जब कभी लोगों ने कहना शुरू किया कि करीना नहीं कर पा रही है तो बाद में मैं फीनिक्स की तरह बाहर निकली हूं। मैं बचपन से ही ऐसी हूं। यह चट्टानी इरादा मुझे मेरी मां से मिला। मेरी मॉम काफी स्ट्रॉन्ग शख्सियत रही हैं तो इन मामलों में मैं उन जैसी ही हूं।
आगे की क्या रूपरेखा है? सैफ के संग इल्युमिनाटी में सक्रिय होंगी?
जी नहीं। मुझे प्रोडक्शन में बिल्कुल इंट्रस्ट नहीं है। अभी इतने अच्छे किरदार गढ़े जा रहे हैं। नए निर्देशक काफी अच्छा कर रहे हैं, मैं उनके साथ अभिनय करूंगी। प्रोडक्शन की ओर जरा भी ध्यान नहीं है। एक्टिव प्रोड्यूसर होना मुमकिन नहीं। मेरी उसमें दिलचस्पी भी नहीं है।
एक्टिंग से फुर्सत मिलते ही कहां भागती हैं?
घूमने का शौक है। दुनिया देखने निकल पड़ती हूं। फैमिली के साथ, सैफ के संग। हर तीन-चार महीने में कोशिश
रहती है कि घूमने निकल जाएं।
‘चमेली’ जैसी फिल्म फिर से करने का इरादा है?
वैसा कुछ तो ‘तलाश’ में भी किया था, जो मुझे बहुत अच्छी लगी थी। आज की तारीख में तो वैसे रोल खूब लिखे
जा रहे हैं। खासकर नए निर्देशकों के द्वारा, तो अगर वैसी कहानी, भूमिका आती है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है करने में।
इन दिनों यह बात भी उठ रही है कि अभिनेत्रियों को अभिनेताओं के बराबर फीस मिलनी चाहिए?
बिल्कुल बराबरी होनी चाहिए। हम भी उतनी ही मेहनत करते हैं, जितनी अभिनेता। खूबसूरत लगना भी बहुत टफ है। वह एक एडेड रिसपॉन्सिबिलिटी है। हीरोइन के बिना हीरो भी कम है। एक अधूरापन तो रह ही जाता है।
‘उड़ता पंजाब’ के बारे में कुछ बताएं?
यह ड्रग ड्रामा पर बेस्ड है। मैं इसमें ड्रग रिहैब में एक डॉक्टर का रोल प्ले कर रही हूं। मैं बड़ी एक्साइटेड हूं। लोगों ने मुझे उस सेटिंग में नहीं देखा है। पहली दफा वे मुझे रियल व डीग्लैम अवतार में देखेंगे।
...और दूसरी ओर बाल्की की फिल्म है, वह उनके मिजाज वाली ही है?
यकीनन। जैसी फिल्में बनाने में उनको महारथ हासिल है। मिसाल के तौर पर ‘चीनी कम’। उसके बाद अन्य स्क्रिप्ट सुन ही रही हूं, क्योंकि अभी ‘उड़ता पंजाब’ की शूटिंग खत्म ही की है। फिर बाल्की की फिल्म की शूटिंग शुरू होगी। तीन-चार महीने उसमें जाएंगे।
सलमान के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
वे सक्सेस व फेल्योर से बहुत आगे की चीज हैं। वे इंडिया के सबसे महान कलाकार हैं। पहली बार मैं उनसे भप्पी
सोनी की ‘निश्चय’ के सेट पर मिली थी। तब मैं दस साल की थी। और आज मैं 34 की हूं। तो बचपन से लेकर शादी से पहले तक। अब शादी के बाद हमारा एक लंबा सफर रहा है। तब से लेकर आज तक उनके नेचर में कोई बदलाव नहीं आया है। तभी वे ग्रेट हैं।
बतौर एक्टर उनकी खासियत क्या है?
मेरे ख्याल से उनकी स्माइल। वह सुपरस्टार वाली स्माइल है। पूरी दुनिया उस पर फिदा हो जाए।