शाह रुख़, सलमान और कंगना समेत इन 7 सेलेब्रिटीज़ को चाहिए 'आज़ादी', जानिए किससे
2016 में कंगना रितिक रोशन से विवाद के लिए मशहूर हुईं तो इस साल निपोटिज़्म को लेकर करण जौहर से उलझने के लिए ख़बरों में रहीं। कंगना को विवादों से आज़ादी लेनी चाहिए।
मुंबई। देश को ब्रिटिश हुकूमत से आज़ादी मिले 70 साल हो गये हैं और इस ख़ास मौक़े को ज़ोर-शोर से सेलेब्रेट भी किया जा रहा है। सबके लिए आज़ादी के अलग मायने हैं। ऐसे में हमने बॉलीवुड के 7 सेलेब्रिटीज़ चुने हैं, जिन्हें किसी एक चीज़ से आज़ादी की ज़रूरत शिद्दत से है।
सुशांत सिंह राजपूत:
सुशांत मौजूदा पीढ़ी के उभरते हुए सितारे हैं और बॉलीवुड उनकी तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। बाक़ी सब तो ठीक है, सुशांत को बस अपने गुस्से से आज़ादी लेनी चाहिए। सुशांत अक्सर भड़क जाते हैं, कभी मीडिया पर तो कभी किसी फ़ैन पर। हाल ही में गोरेगांव फ़िल्म सिटी के पास सुशांत एक कैब चालक पर भड़क गए। सुशांत को गुस्से को नियंत्रित करने की ज़रूरत है।
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नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी:
नवाज़ आज के दौर के शानदार और जानदार अभिनेताओं में शुमार हैं। कोई भी रोल दे दीजिए, नवाज़ उसे कपड़े की तरह ओढ़ लेते हैं, मगर एक रोल से नवाज़ को भी आज़ादी ले लेनी चाहिए। ये रोल है बंदूकबाज़ का। गैंग्स ऑफ़ वासेपुर के बाद गैंगस्टर्स के रोल उनकी छवि से चिपक गये हैं। अब नवाज़ बाबूमोशाय बंदूकबाज़ में ऐसे ही रोल में दिख रहे हैं।
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इम्तियाज़ अली:
इम्तियाज़ अली बेहतरीन फ़िल्ममेकर हैं, जिनकी फ़िल्मों में विचारों का प्रवाह देखने को मिलता है, मगर इम्तियाज़ अली को ट्रैवल फ़िल्मों से आज़ादी लेनी की सख्त ज़रूरत है। इससे उनकी कहानियों में विविधता आएगी, वहीं प्रोड्यूसर्स का पैसा बचेगा, जिससे फ़िल्मों की कामयाबी पक्की होगी।
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कंगना रनौत:
आज की तारीख़ में कंगना रनौत स्टाइल और एक्टिंग का शानदार जोड़ मानी जाती हैं। वहीं रियल लाइफ़ में वो बिंदास हैं और शब्दों को चबाने के लिए नहीं, सीधे बोलने के लिए मशहूर हैं। जिसकी वजह से कई बार ग़ैरज़रूरी कंट्रोवर्सीज़ पैदा हो जाती हैं। 2016 में कंगना रितिक रोशन से विवाद के लिए मशहूर हुईं तो इस साल निपोटिज़्म को लेकर करण जौहर से उलझने के लिए ख़बरों में रहीं। कंगना को विवादों से आज़ादी लेनी चाहिए, ताकि उनका काम हाइलाइट हो।
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रणबीर कपूर:
रणबीर आज की जेनरेशन के बेहतरीन एक्टर्स में शामिल हैं, मगर उन्हें कमर्शियल सक्सेस ज़्यादा नहीं मिली है। फ़िल्म भले ही फ्लॉप हो, पर रणबीर की एक्टिंग को हमेशा सराहा जाता है। हालिया रिलीज़ जग्गा जासूस इसकी मिसाल है। बेहतरीन एक्टर होने के बावजूद रणबीर को हिट के लिए तरसना खलता है। लिहाज़ा रणबीर को फ्लॉप से आज़ादी की सख्त दरकार है।
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शाह रुख़ ख़ान:
वक़्त आ गया है कि शाह रुख़ रोमांटिक किरदारों की क़ैद से आज़ाद हों। वैसे तो शाह रुख़ ने कई तरह के किरदार पर्दे पर निभाये हैं, मगर इनकी तादाद कम है। ये भी सच है कि किंग ख़ान ने जब-जब कुछ अलग किया है, चाहने वालों ने उनकी तारीफ़ की है। स्वदेस, चक दे इंडिया, माय नेम इज़ ख़ान जैसी फ़िल्में इसकी बानगी हैं। जब हैरी मेट सेजल की दुर्दशा के बाद ये हाई टाइम है कि शाह रुख़ अपने एटरनल रोमांटिक इमेज का मोह छोड़ दें।
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सलमान ख़ान:
सलमान ख़ान को उनके फ़ैंस 'टाइगर' के रूप में देखना पसंद करते हैं, इसलिए उन्हें 'ट्यूबलाइट' किरदारों से आज़ादी लेनी चाहिए।