बदले की कहानी है 'हैदर'
विशाल भारद्वाज की शेक्सपीयर के नाटकों में गहरी दिलचस्पी है। उनकी 'मकबूल', मैकबेथ पर तो 'ओमकारा' ओथेलो पर आधारित थी। अब वे 'हैदर' लेकर आए हैं। वह हैमलेट की एडेप्टेशन है। विशाल ने उसकी कहानी कश्मीर में सेट की है। इस फिल्म में नायक हैदर की भूमिका में शाि
मुंबई। विशाल भारद्वाज की शेक्सपीयर के नाटकों में गहरी दिलचस्पी है। उनकी 'मकबूल', मैकबेथ पर तो 'ओमकारा' ओथेलो पर आधारित थी। अब वे 'हैदर' लेकर आए हैं। वह हैमलेट की एडेप्टेशन है। विशाल ने उसकी कहानी कश्मीर में सेट की है। इस फिल्म में नायक हैदर की भूमिका में शाहिद कपूर हैं, वहीं नायिका अर्शिया की भूमिका श्रद्धा कपूर निभा रही हैं। फिल्म को लेकर दोनों ने साझा की दिल की बातें..
विशाल की सबसे उम्दा ऐडप्टेशन
शाहिद- मैंने ऑस्कर विजेता सर लॉरेंस ऑलिवियर की 'हैमलेट' देखी हुई है। एक अन्य फिल्म रशियन भाषा में भी बनी थी। वह बड़ी पुरानी फिल्म है। ब्लैक एंड व्हाइट है। वह कुछ हद तक देखी है मैंने। सच कहूं तो शेक्सपीयर के अंदाज में ही हैमलेट को पेश किया जाए तो आज के लोगों को शायद थोड़ी बोरिंग सी लगे। उस जमाने के हैमलेट को समसामयिक बनाना जरूरी है। विशाल सर ने 'हैदर' में पूरी तरह नई परिस्थिति और पृष्ठभूमि गढ़ी है। फिल्म के बेसिक से लेकर मेन कंटेंट भी अलग हैं। मेरा दावा है कि 'हैदर' उनकी सबसे यूनीक ऐडप्टेशन है।
श्रद्धा- मैंने हैमलेट पर बनी एक भी फिल्म नहीं देखी है। स्कूल में कोर्स के किताब में पढ़ी जरूर थी, मगर उसके बाद एक भी प्ले देखने का मौका नहीं मिल सका। 'हैदर' करने के दरम्यान या उससे पहले भी मैं हैमलेट देख या पढ़ नहीं पाई। बहरहाल विशाल ने उसका बड़ी खूबसूरती से देसीकरण किया है। मैंने भी उनकी 'मकबूल' और 'ओमकारा' देखी है। 'हैदर' उन दोनों के मुकाबले हाई स्केल पर बनाई गई फिल्म है।
रिवेंज ड्रामा है
शाहिद- यह फिल्म कश्मीर में सेट है। हैदर बड़े से परिवार में रहता है। उसकी अम्मी का निकाह उसके चाचा से होता है, वह जिसके खिलाफ रहता है। उसे अपने चाचा से बदला लेना है। इस तरह हमने फिल्म को फैमिली ड्रामा नहीं रिवेंज ड्रामा के तौर पर पिच किया है। फिल्म के भावनात्मक तार एक बेटे का अपने पिता की खोज से जुड़ा हुआ है। उसका पिता कहां है? वह जिंदा है कि नहीं, उस बारे में यह फिल्म है।
श्रद्धा- शाहिद ने जैसा पहले भी कहा कि हमने अगर 'हैदर' को शेक्सपीयर के अंदाज में ही पेश किया होता, तो वह बोरिंग होता। लिहाजा विशाल सर ने फिल्म के सभी किरदारों को बेहद इंटेंस, कई लेयर वाले और परस्पर-विरोधी स्वभाव वाला रखा है। वह चाहे हैदर हो या अर्शिया। सबके सब परस्पर विरोधी स्वभाव के तो हैं ही, सब किरदार किसी न किसी तरह सभी से जुड़े हुए हैं।
अर्शिया भी है अहम हिस्सा
श्रद्धा- अगर आपने ओरिजिनल हैमलेट पढ़ी होगी तो उसमें हैमलेट के दो जिगरी दोस्त हैं। एक है ओफेलिया और दूसरा हैमलेट का बेस्ट फ्रेंड। विशाल सर ने उन दोनों किरदारों को एक में मिला अर्शिया बना दिया है। वह हैदर की सबसे अच्छी दोस्त और हमदर्द दोनों है।
शाहिद- अर्शिया की जिंदगी भी तन्हाई में बीती है। वह अपनी हर बात सिर्फ हैदर से साझा करती है। अर्शिया ही हैदर की सबसे बड़ी इमोशनल सपोर्ट है।
अमित कर्ण