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हिंदी सिनेमा का यह शोमैन इस वजह से आता है अपनी हर फ़िल्म में नज़र, जानिये सुभाष घई की कुछ और रोचक बातें

इन दिनों सुभाष घई एक एक्टिंग इंस्टीट्यूट चला रहे हैं, जहां वे तमाम भविष्य के सितारों को अभिनय और फ़िल्म निर्माण की ट्रेनिंग दे रहे हैं।

By Hirendra JEdited By: Published: Wed, 24 Jan 2018 12:01 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 07:47 AM (IST)
हिंदी सिनेमा का यह शोमैन इस वजह से आता है अपनी हर फ़िल्म में नज़र, जानिये सुभाष घई की कुछ और रोचक बातें
हिंदी सिनेमा का यह शोमैन इस वजह से आता है अपनी हर फ़िल्म में नज़र, जानिये सुभाष घई की कुछ और रोचक बातें

मुंबई। जाने-माने फ़िल्म निर्देशक सुभाष घई को बॉलीवुड में शोमैन के नाम से जाना जाता है। 24 जनवरी को इस दिग्गज फ़िल्ममेकर का जन्मदिन होता है। इस साल सुभाष घई अपना 73वां बर्थडे मना रहे है। क्या आप जानते हैं सुभाष घई ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में की थी?

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एफटीआईआई पुणे से फ़िल्म और अभिनय की ट्रेनिंग लेने के बाद सुभाष घई मुंबई हीरो बनने के उद्देश्य से ही आये थे। 'उमंग' और 'गुमराह' जैसी फ़िल्मों में वो बतौर अभिनेता नज़र भी आये। लेकिन, अभिनय में वो बात नहीं बनी तो वो डायरेक्शन में आ गए। लेकिन, बड़े पर्दे पर दिखने का तरीका उन्होंने यह निकाला कि अपनी हर फ़िल्म के एक सीन में वो ज़रूर और लगातार नज़र आते रहे! यह उपक्रम उनकी पहचान भी बनी।

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सुभाष घई का जन्म 24 जनवरी 1945 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। लेकिन, उनकी परवरिश दिल्ली में हुई क्योंकि उनके पिता दिल्ली में ही एक डेंटिस्ट के रूप में कार्यरत थे। सुभाष घई की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ही हुई जिसके बाद स्नातक की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली से सटे रोहतक, हरियाणा से की। उसके बाद सुभाष अपने सपने को पूरा करने फ़िल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे चले आये। फ़िल्म इंस्टीट्यूट से निकलकर वो अपनी किस्मत आजमाने मुंबई पहुंच गए। इस बीच साल 1970 में ही उन्होंने रेहाना उर्फ़ मुक्ता से शादी कर ली और उनकी दो बेटियां हैं- मेघना और मुस्कान घई। वाइफ मुक्ता के नाम से सुभाई घई ने ‘मुक्ता आर्ट्स’ नाम से प्रोडक्शन हाउस भी शुरू किया, जिसके बैनर तले कई यादगार फ़िल्में बनायीं।

सुभाष घई के मुताबिक अभिनेता-अभिनेत्री तो कोई भी बन सकता है। लेकिन, निर्देशक बनने के लिए तपस्या करनी पड़ती है। उन्होंने जागरण डॉट कॉम से बात करते हुए बताया था कि आज युवा फ़िल्म स्टार को ही अपना आइडल मानते हैं, मगर निर्देशक का ख्याल किसी को नहीं आता। ज़ाहिर है, सुभ्श घई ने भी पूरी ज़िंदगी एक डायरेक्टर के रूप में तपस्या की है।

सुभाष घई ने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में एक लंबा दशक देखा है। उनकी कोशिश रही है कि वो कभी एक जॉनर की फ़िल्में ना दोहराएं। उन्होंने रोमांटिक, म्यूजिकल, थ्रिलर, देशभक्ति समेत हर तरह की फ़िल्में बनायीं। उनकी कुछेक फ़िल्मों की बात करें तो ‘कालीचरण’, ‘विश्वनाथ’, ‘क़र्ज़’, विधाता’, ‘हीरो’, मेरी ज़ंग’, ‘कर्मा’, ‘राम लखन’, सौदागर’, ‘खलनायक’ परदेस’, ताल’, 'यादें' जैसी फ़िल्में प्रमुख हैं। इसके अलावा सुभाष घई अपनी फ़िल्मों में कई नयी अभिनेत्रियों को ब्रेक देकर उन्हें स्टारडम दिलाने के लिए भी जाने जाते हैं। रीना रॉय, मीनाक्षी, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी जैसी अभिनेत्रियों को भला कौन भूल सकता है?

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इन दिनों सुभाष घई एक एक्टिंग इंस्टीट्यूट चला रहे हैं, जहां वे तमाम भविष्य के सितारों को अभिनय और फ़िल्म निर्माण की ट्रेनिंग दे रहे हैं। फ़िल्म बनाने की बात पर सुभाष घई कहते है, ''मैं सभी फ़िल्में देखता हूं और आज भी फ़िल्म मेकिंग से जुड़ा हुआ हूं। जल्द फ़िल्म भी बनाऊंगा जो कि मॉडर्न होगी और आज के मुद्दों पर आधारित होगी।''


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