काशी लाया जाएगा सितारा देवी का अस्थि कलश
दुनियाभर में कथक को ऊंचाई देने वालीं सितारा देवी का अस्थि कलश 28 नवंबर को काशी लाया जाएगा। दूसरा अस्थि कलश नासिक भी जाएगा। दूसरी ओर सितारा देवी की अंतिम चुनर में भी उन गलियों की ही गंध समाई होगी, जिनमें उनके बचपन की यादें अब तक आबाद हैं।
वाराणसी। दुनियाभर में कथक को ऊंचाई देने वालीं सितारा देवी का अस्थि कलश 28 नवंबर को काशी लाया जाएगा। दूसरा अस्थि कलश नासिक भी जाएगा। दूसरी ओर सितारा देवी की अंतिम चुनर में भी उन गलियों की ही गंध समाई होगी, जिनमें उनके बचपन की यादें अब तक आबाद हैं।
सिताराद देवी अंतिम विदा के लिए कबीरचौरा से ही दो चुनरी और दो साड़ी खरीदी गईं। इसे लेकर सितारा देवी के छोटे भाई दुर्गा प्रसाद मिश्र के पुत्र मोहन कृष्ण व प्रपौत्र विशाल कृष्ण के साथ ही दूसरे भाई की बहू रेनी मिश्रा व उनके बेटे पवन मिश्रा बुधवार दोपहर को मुंबई रवाना हो गए।
महान नृत्यांगना का बनारस और गंगा से गहरा नाता रहा, जिसे उन्होंने अपनी मंचीय प्रस्तुतियों में उद्धरणों के दौरान बार-बार याद किया और कहा। लाडली से बिछोह का दुख तो गंगा ने भी सहा। परदेसी तो पहले ही हो गई, अब बेदर्दी से नाता तोड़ आंखें मूंद ली लेकिन गंगा तो अपना नाता निभाएंगी, विदा की अंतिम बेला में मोक्ष मुक्ति कामना से शिव के नगरी से गुजर रही गंगा के जल की ही बूंदें सितारा देवी के मुंह में जाएंगी। इसे महसूस करते हुए ही पीहर वालों ने मुंबई रवानगी के पूर्व आखिरी भेंट के लिए चुनर, साड़ी, आलता व साज शृंगार की पिटारी के साथ गंगा जल व तुलसी दल भी सहेज कर रखा।
कलश लेकर आएंगे मायके वाले
महान कलाकार के अंतिम संस्कार में भाग लेने गए उनके पीहर वाले ही 28 नवंबर को सितारा देवी का अस्थि कलश लेकर वापस लौटेंगे। विशाल कृष्ण के अनुसार बुआ दादी को बनारस व मां गंगा से अगाध प्रेम था। वैसे भी काशी ही मोक्ष की नगरी है, लिहाजा उनकी स्मृतियों को काशी में गंगा की गोद में सुरक्षित किया जाएगा। दूसरा अस्थि कलश लेकर परिजन नासिक भी जाएंगे।
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