Move to Jagran APP

सिने-टीवी कर्मी आज से हड़ताल पर, रुक सकती है 'केबीसी' समेत कई शोज़ की शूटिंग

बीएन तिवारी ने बताया कि ना सिर्फ़ मुंबई, बल्कि देश भर में किसी भी स्थान पर फ़िल्म या टीवी के वर्कर्स काम नहीं करेंगे। उनकी टीमें विजिलेंस के लिए निकल चुकी हैं।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Published: Tue, 15 Aug 2017 12:51 PM (IST)Updated: Tue, 15 Aug 2017 03:29 PM (IST)
सिने-टीवी कर्मी आज से हड़ताल पर, रुक सकती है 'केबीसी' समेत कई शोज़ की शूटिंग
सिने-टीवी कर्मी आज से हड़ताल पर, रुक सकती है 'केबीसी' समेत कई शोज़ की शूटिंग

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। देश आज़ादी की इकहत्तरवीं सालगिरह मना रहा है, उधर मुंबई में सिनेमा और टीवी कर्मचारियों के संगठन फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलॉयज ने आज से प्रोड्यूसर्स के ख़िलाफ़ संघर्ष का आग़ाज़ कर दिया है। एलान के मुताबिक़ 15 अगस्त से फेडरेशन हड़ताल पर चली गयी है, जिससे मनोरंजन उद्योग की रफ़्तार थम सकती है।

loksabha election banner

FWICE के प्रेसीडेंट बीएन तिवारी ने जागरण डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि वह अपनी बात पर अमल हैं और आज से किसी भी सीरियल या फ़िल्म की शूटिंग नहीं होने देंगे। बीएन तिवारी का दावा है कि वर्कर्स का उन्हें पूरा सपोर्ट मिल रहा है। तिवारी ने आगे कहा कि उनका संगठन वर्कर्स के हक़ की लड़ाई लड़ रहा है। पिछले कई सालों से लगातार फ़रियाद के बावजूद उनका हक़ नहीं मिल रहा है। बीएन तिवारी ने बताया कि ना सिर्फ़ मुंबई, बल्कि देश भर में जहां कहीं भी फेडरेशन के सदस्य काम कर रहे हैं, शूटिंग नहीं करेंगे। उनकी टीमें विजिलेंस के लिए निकल चुकी हैं और मुंबई के हर कोने में इस बात की तफ्तीश करेंगी कि कहीं कोई शूटिंग तो नहीं कर रहा।

रुक सकती है केबीसी की शूटिंग

यह भी पढ़ें: शाह रुख़, सलमान, कंगना और नवाज़ समेत इन 7 एक्टर्स को चाहिए आज़ादी

अमिताभ बच्चन के शो केबीसी का एक शेड्यूल अभी पूरा हुआ है। अगला शेड्यूल कुछ दिन बाद है। ख़बर है कि तमाम शोज़ समेत केबीसी की शूटिंग भी नहीं होने दी जाएगी। केबीसी के जुड़े सूत्र ने बताया कि अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि शूटिंग टल रही है। केबीसी के बारे में पूछने वर तिवारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक किसी भी शो की शूटिंग नहीं होने देंगे। अगर ऐसा है तो केबीसी के वर्कर्स से बात करके सहयोग देने की गुज़ारिश करेंगे। साथ ही इस मुद्दे पर वो अमिताभ बच्चन समेत दूसरे सितारों से सहयोग लेने की बात कहते हैं।

विदेशों में भी रुकेगी शूटिंग

यह भी पढ़ें: मुंबई की ग्लैमर इंडस्ट्री का बदबूदार सच, टॉयलेट के लिए भी संघर्ष करती हैं एक्ट्रेसेज़

एंप्लाइज़ की इस हड़ताल का असर विदेशी लोकेशंस पर चल रही शूटिंग पर भी पड़ सकता है। तिवारी ने बताया कि अबु धाबी में फिलहाल जिस भी हिंदी फ़िल्म की शूटिंग हो रही है, उसके लिए यहां से फाइटर्स बुलवाये गये हैं, लेकिन उन्होंने उस पर भी रोक लगवा दी है। जहां भी हिंदी फ़िल्मों या सीरियल की शूटिंग में यहां के वर्कर्स का इस्तेमाल किया जाएगा, उन्हें शूटिंग से रोका जाएगा। बता दें कि अबु धाबी में टाइगर ज़िंदा है की शूटिंग चल रही है। वहीं दूसरी तरफ खबरें हैं कि आनंद एल राय की फिल्म की शूटिंग भी जल्द ही शुरू होने वाली हैै।

नहीं बनने दिए हैं अतिरिक्त एपिसोड्स

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड डेब्यू फ़िल्म में प्रभास की हीरोइन बनेगी ये हसीना

यह पूछे जाने पर कि सीरियल के प्रोडयूर्स ने तो एपिसोड्स के बैंक्स बनवा लिये होंगे, इस पर बीएन तिवारी का कहना है कि हमने 15 दिन के नोटिस में इस बात की भी तैयारी की थी कि इन 15 दिन में वर्कर्स अधिक समय के लिए काम ना करें। वह अपने निर्धारित समय से ही शूटिंग करें। आखिर हम उनके लिए ही लड़ रहे हैं।

10 दिन तक नहीं करने देंगे काम

बीएन तिवारी ने बताया है कि फेडरेशन के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में कई प्रोड्यूसर्स ने केस किया है। उन प्रोड्यूसर्स के पास महंगे वकीलों को देने के लिए पैसे हैं, लेकिन जिन्हें ज़रूरत है, उन वर्कर्स को देना वह पाप समझते हैं। फेडरेशन कर्मियों के वर्किंग आवर्स, सेफ्टी, सैलरी हाइक, खाने की सही व्यवस्था और साफ़-सुथरे शौचालय जैसे मुद्दों के लिए लड़ रही है। 

इस हड़ताल से क्या वर्कर्स का नुक़सान नहीं होगा? इस पर बीएन तिवारी कहते हैं कि वर्कर्स को तो भी फिर भी संघर्ष की आदत है और हम उनके हक़ के लिए उनका साथ मांग रहे हैं। देखना तो यह है कि प्रोड्यूसर्स का क्या होता है। फिलहाल 10 दिनों तक तो हम एक कदम भी हिलाने वाले नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.