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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में एकता कपूर का विरोध

कला, संस्कृति और साहित्य से सजी जयपुर साहित्य महोत्सव की एक शाम इस बार फिर फीकी पड़ गई है। कार्यक्रम के चौथे दिन सोमवार को आयोजन स्थल डिग्गी पैलेस में अचानक एकता कपूर मुर्दाबाद के नारे लगने लगे और हंगामा खड़ा हो गया।

By Edited By: Published: Tue, 21 Jan 2014 11:02 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2014 11:21 AM (IST)
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में एकता कपूर का विरोध

मुंबई। कला, संस्कृति और साहित्य से सजी जयपुर साहित्य महोत्सव की एक शाम इस बार फिर फीकी पड़ गई है। कार्यक्रम के चौथे दिन सोमवार को आयोजन स्थल डिग्गी पैलेस में अचानक एकता कपूर मुर्दाबाद के नारे लगने लगे और हंगामा खड़ा हो गया। विरोध करने वाले लोग फिल्म निर्माता एकता कपूर के धारावाहिक जोधा-अकबर के शीर्षक को लेकर नाराज थे।

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पढ़ें: लेखकों को विवादों से दूर रहने की हिदायत

राजपूत समाज से जुड़ी करणी सेना के कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस धारावाहिक में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। यह उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है। इसलिए धारावाहिक का नाम बदलने तक वे इसका विरोध जताते रहेंगे। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बल प्रयोग कर बाहर निकाला।

एकता कपूर महोत्सव के 'ईच अदर स्टोरीज' सत्र में शिरकत करने आईं थीं। मालूम हो कि करणी सेना लंबे समय से जोधा-अकबर धारावाहिक का विरोध कर रही है। हालांकि, कुछ समय पूर्व फिल्म 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा' को राजस्थान में रिलीज नहीं होने देने की धमकी के बाद एकता कपूर ने जयपुर पहुंचकर करणी सेना के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कालवी से मुलाकात की थी।

गौरतलब है कि मुलाकात के बाद एकता ने जोधा-अकबर से संबंधित आपत्तियों को दूर करने की घोषणा की। उन्होंने धारावाहिक का नाम बदलने का भी वादा किया था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इससे पहले के भी कई बार महोत्सव में कई विवाद हो चुके हैं।

सलमान रश्दी भले ही इस बार महोत्सव में नहीं आए हों, लेकिन उनकी चर्चा न हो, ऐसा नहीं हो सकता है। सत्र फ्रीडम, ओपिनियन एंड एक्सप्रेशन में रुश्दी की विवादित किताब द सेटेनिक वर्सेज का उदाहरण लेकर लेखक जेरी पिंटो ने कहा कि एक लेखक को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए। इससे उसका लेखन मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही रुश्दी के साथ हुआ। उन्हें धर्म और समाज के नाम पर बंधनों में जकड़ने की कोशिश की गई।

उधर, उर्दू में हिंदुस्तान सत्र में साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने रुश्दी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आजकल भाषाओं से खिलवाड़ हो रहा है। सलमान रश्दी ने तो अंग्रेजी की चटनी बनाकर रख दी और लोग उनके जादू में खो रहे हैं।

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