पाकिस्तानी सिनेमाघरों ने किया भारतीय फिल्मों को नहीं दिखाने का फैसला
उड़ी में आतंकवादी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान का विरोध तेज हो गया है। पाकिस्तानी कलाकारों के बैन किये जाने से आने वाली फिल्मों के कुछ निर्माताओं को दिक्कत होगी।
मुंबई। पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और बाद में इंडियन मोशन पिच्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इम्पा ) की ओर से पाकिस्तानी कलाकारों को बैन किये जाने का असर पकिस्तान में दिखने लगा है और इस कार्रवाई से खिसियाकर पाकिस्तान के सिनेमाघरों ने भारतीय फिल्मों को नहीं दिखाने का फैसला किया है।
हालांकि पाकिस्तान की सरकार की तरफ से इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं किया गया है लेकिन खबर है कि कुछ सिनेमाघरों ने अपनी तरफ से तब तक कोई भी हिंदी फ़िल्में नहीं दिखाने का तय किया है जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते। एक वेबसाइट के मुताबिक मंडवीवाला एंटरटेनमेंट के नदीम मंडवीवाला और सुपर सिनेमा के खोरम गुल्ताश्बा ने इस बात की पुष्टि की है कि पकिस्तान के सिनेमाघर मालिकों ने दो सप्ताह के लिए भारतीय फिल्मों को दिखाने पर रोक लगा दी गई है। इस बीच पाकिस्तान के कुछ मल्टीप्लेक्स ने एक्सीबिटर्स के निर्णय का स्वागत किया है लेकिन फिलहाल इस बारे में सरकारी घोषणा होने तक रुकने का फैसला किया है।बताया जा रहा है कि पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोग सिर्फ भारतीय फिल्मों को ही नहीं बल्कि भारत के फिल्म और टीवी से जुड़े कलाकारों और हिंदी फिल्मों की डीवीडी को भी बैन करने की योजना बना रहे हैं।
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उड़ी में आतंकवादी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान का विरोध तेज हो गया है। पाकिस्तानी कलाकारों के बैन किये जाने से आने वाली फिल्मों के कुछ निर्माताओं को दिक्कत होगी।