'पाकीज़ा' अभिनेत्री गीता कपूर को जब बेटे से मिला दर्द, इंडस्ट्री बनी हमदर्द
किसी दौर में पाकीज़ा जैसी क्लासिक फिल्म में अभिनय कर चुकीं गीता कपूर अपने ही बेटे की वजह से आज बुरे दौर से गुज़र रही हैं।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। वक्त ने किया क्या हसीं सितम, हम रहे न हम...तुम रहे न तुम... गुरुदत्त पर फिल्माया गया ये गाना फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखने वालों की ज़िंदगी को बखूबी बयां करता है। यहां कलाकारों को तालियां तभी तक नसीब होती हैं, जब तक वो पर्दे पर नजर आते हैं। गुमनामी तालियों के साथ आस भी छीन लेती है।
ऐसी फेहरिस्त में एक और अभिनेत्री का नाम शामिल हो गया है। किसी दौर में पाकीज़ा जैसी क्लासिक फिल्म में अभिनय कर चुकीं गीता कपूर अपने ही बेटे की वजह से आज बुरे दौर से गुज़र रही हैं। गीता कपूर को उनके बेटे चंपक गोरेगांव के एक अस्पताल में भर्ती कराकर उन्हें वहां अकेला छोड़ कर चले गये। उन्होंने बिल भी अदा नहीं किया था। गीता के बिल भरने के लिए कोई भी तैयार नहीं था। बताया जाता है कि गीता को अस्पताल से भी किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा था। यह जानकारी जब फ़िल्ममेकर अशोक पंडित और रमेश तौरानी को हुई तो वे दोनों उनकी मदद के लिए आगे आये।
यह भी पढ़ें: हाफ़ गर्लफ्रेंड 50 के पार, लौटा एकता कपूर का आत्मविश्वास
उन्होंने गीता की मदद की और उनके अस्पताल के सारे बिल्स क्लियर कराए। फिलहाल गीता कपूर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। गीता ने कई फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन पाकीज़ा उनकी यादगार फिल्मों में से एक है।