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Exclusive: छह वर्ष के संघर्ष के बाद निराश नवाज़ की ज़िंदगी एक लेटर ने बदल दी

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज़' 25 अगस्त को आ रही है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कुल 48 कट दिये हैं, जिसको लेकर जमकर विवाद छिड़ा हुआ है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Mon, 07 Aug 2017 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 11 Aug 2017 01:12 PM (IST)
Exclusive: छह वर्ष के संघर्ष के बाद निराश नवाज़ की ज़िंदगी एक लेटर ने बदल दी
Exclusive: छह वर्ष के संघर्ष के बाद निराश नवाज़ की ज़िंदगी एक लेटर ने बदल दी

रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। फिल्म अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने जागरण डॉट कॉम से हुई विशेष बातचीत में यह बताया कि जब छह साल तक फिल्म इंडस्ट्री में हाथ पैर मारने के बाद काम न मिलने से वह एकदम निराश हो गए थे तब माँ के लिखे एक पत्र ने उनकी ज़िंदगी बदल कर रख दी।

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एक बातचीत में नवाज़ ने बताया " जब 6 वर्ष के संघर्ष के बाद भी मुझे काम नहीं मिला और माँ को जब मैंने साल 2005 दुःख भरा एक पत्र लिखा तो माँ के उनका जवाब दिया और उस पत्र को पढ़ कर मेरा साहस बढ़ गया। इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि 12 वर्ष में तो कचरे के दिन बदलते हैं, तुम तो फिर भी इंसान हो। तुम्हारे दिन भी बदलेंगे। एक दिन तेरा भी आएगा।" नवाज़ कहते हैं " तब यह पढ़कर मैं खुश हो गया कि अभी तो 12 में से छह साल बाकी हैं और तब मैंने तय कर लिया था कि अगले छह वर्ष मैं कड़ी मेहनत करूँगा और अगर फिर भी कुछ भी नहीं हुआ तो कुछ दूसरा काम कर लूंगा। लेकिन ऐसा करने की आवश्यकता नहीं पड़ी।"

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नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज़' 25 अगस्त को आ रही है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कुल 48 कट दिये हैं, जिसको लेकर जमकर विवाद छिड़ा हुआ है।


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