खुश हूं अपनी रफ्तार से
मुंबई। फिल्म 'हैदर' में अभिनय के लिए मिल रही सराहना से बेहद उत्साहित हैं मूलत: बिहार से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता नरेंद्र झा समीक्षकों की पसंद 'हैदर' की खोज हैं अभिनेता नरेंद्र झा। गैर-फिल्मी बैकग्राउंड और बिहार के छोटे से इलाके से होने के बावजूद उन्होंने पहले छोटे व अब
मुंबई। फिल्म 'हैदर' में अभिनय के लिए मिल रही सराहना से बेहद उत्साहित हैं मूलत: बिहार से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता नरेंद्र झा
समीक्षकों की पसंद 'हैदर' की खोज हैं अभिनेता नरेंद्र झा। गैर-फिल्मी बैकग्राउंड और बिहार के छोटे से इलाके से होने के बावजूद उन्होंने पहले छोटे व अब बड़े पर्दे पर अपनी धाक जमाई है। उन्होंने फिल्म 'हैदर' में हैदर के पिता डॉक्टर हिलाल मीर की भूमिका निभाई और अब वे डॉक साहब के नाम से खासी चर्चा में हैं।
वे कहते हैं, मैं मधुबनी जिले से ताल्लुक रखता हूं। मैंने पटना और दिल्ली में पढ़ाई करने के बाद 11 साल पहले मुंबई का रुख किया। सौभाग्य से मुंबई में मॉडलिंग के काम मिलने लगे। धारावाहिक 'शांति' से मुझे पॉपुलैरिटी मिली। मैं ज्यादातर धारावाहिक ही किया करता था, क्योंकि मुझे काम से मतलब है। वह छोटे पर्दा हो या कुछ और। फिर श्याम बेनेगल की 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस' की। साउथ में एस.एस. राजामौली संग काम किया। मैं अपनी ब्रांडिंग नहीं करता हूं। काम मांगने किसी के पास नहीं जाता।
'हैदर' भी मुझे वैसे ही मिली। विशाल भारद्वाज को मेरा नाम फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने सजेस्ट किया था। बाद में ऑडिशन के दौरान विशाल मेरी को मेरी संवाद अदायगी और आवाज दोनों दमदार लगी। खुश हूं जो 'हैदर मेरा इंतकाम लेना' संवाद दर्शकों को भी खूब भाया है। खुद विशाल ने मुझसे कहा कि मैं कहां हूं। मुझे तो मेनस्ट्रीम सिनेमा में होना चाहिए। उनका यह कहना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है, मगर मैं जहां हूं, खुश हूं। 'हैदर' यदा-कदा मिलने वाला मौका है। आगे वैसी ही फिल्में मिलीं तो ही बड़े पर्दे या फिर मेनस्ट्रीम सिनेमा का रुख करुंगा, वरना छोटे पर्दे व साउथ की पारी बुरी नहीं है।'
(अमित कर्ण)
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