Move to Jagran APP

लता मंगेशकर से कभी गाना नहीं गवाऊंगा..जानिये आज क्यों याद आया 'यह' जिद्दी संगीतकार!

अंत्येष्टि में परिवार का कोई व्यक्ति शामिल न हो, यही उनकी आखिरी जिद थी। जो उनके परिवार वालों ने ससम्मान पूरी की...

By Hirendra JEdited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 01:03 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 01:18 PM (IST)
लता मंगेशकर से कभी गाना नहीं गवाऊंगा..जानिये आज क्यों याद आया 'यह' जिद्दी संगीतकार!
लता मंगेशकर से कभी गाना नहीं गवाऊंगा..जानिये आज क्यों याद आया 'यह' जिद्दी संगीतकार!

मुंबई। अपने दौर के सबसे महंगे और स्टाइलिश संगीतकार ओ पी नैय्यर साहब का आज जन्मदिन है। पुराने श्रोताओं की तो बात ही अलग है। लेकिन, जब आज की पीढ़ी भी रेडियो के माध्यम से उनके गाने सुनती है तो उसके जादू को इगनोर नहीं कर पाती। पर, क्या आप जानते हैं मोहब्बत और रोमांस की धागों को अपनी धुनों में बारीकी से उतार लेने वाला यह संगीतकार जिद्दी भी कम न था। एक बार उन्होंने जो ठान लिया वो ठान लिया! यह जिद ही तो थी उनकी कि- लता मंगेशकर से कभी गाना नहीं गवाऊंगा! ऐसा क्यों? हम बताते हैं...

loksabha election banner

यह उनकी ज़िंदगी से जुड़ा एक अहम किस्सा है कि उन्होंने लता जी के साथ कभी काम नहीं किया। लता की जगह उन्होंने हमेशा उनकी बहन आशा को ही कास्ट किया। दरअसल, यह वाकया उन दिनों की है, जब फिल्म ‘आसमान’ की शूटिंग चल रही थी। फ़िल्म के एक गीत को फिल्माना था। वह गीत सहनाियका पर फिल्माया जाना था और इस गीत को लता से गवाना था। लेकिन, लता मंगेशकर को यह बात रास नहीं आई कि उनका गीत किसी सहनायिका पर फिल्माया जाए। दरअसल, वह उन दिनों टॉप की गायिका मानी जाती थीं। इसलिए उन्होंने साफ शब्दों में ओ पी नैय्यर तक यह बात पहुंचा दी कि वह इस गीत को नहीं गा सकतीं। अब नैय्यर साहब तक यह बात पहुंची, तो उन्होंने भी उसके बाद यह कसम खा ली कि वह कभी भी लता से नहीं गवाएंगे। वे आखिरी सांस तक इस बात पर कायम रहे। लता मंगेशकर ने इस बाबत आज ट्वीट भी किया है।

इसे भी पढ़ें: 'आशिक़ी' सिखाने वाली इस एक्ट्रेस को आज आप पहचान भी नहीं पायेंगे!

लता से गीत न गंवाने का सीधा फायदा आशा भोंसले को हुआ। इस जोड़ी ने एक से एक कामयाब गीत रचे। 16 जनवरी 1926 को लाहौर में जन्में नैय्यर साहब का पूरा नाम ओम प्रकाश नैय्यर था। बॉलीवुड को बेहतरीन गाने देने वाले नैय्यर साहब ने कभी संगीत की शिक्षा नहीं ली। उनका अंदाज़ एकदम रईसों वाला था। अक्सर वो हैट में नज़र आते थे। दरअसल, ओ पी नैय्यर साहब को इंग्लिश फ़िल्में देखना बेहद पसंद था। वो हॉलीवुड के स्टाइल से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने ने भी हैट पहननी शुरू कर दी, जो उनका सिग्नेचर स्टाइल बन गया था। ओ पी नैय्यर ने हमेशा मझोले फिल्मकारों के साथ काम किया, फिर भी वे अपने दौर के सबसे महंगे संगीतकार रहे। बीआर चोपड़ा की ‘नया दौर’ इकलौती ऐसी फ़िल्म है जिसमें उन्होंने किसी बड़े बैनर तले काम किया। 'नया दौर' के लिए उन्होंने फिल्मफेयर से बेस्ट संगीतकार का खिताब भी जीता।

इसे भी पढ़ें: कभी थी लाखों दिलों की धड़कन, आज हैं अकेली!

1949 से लेकर 1974 के बीच सिर्फ 1961 ही एक ऐसा साल था जब उनकी कोई फ़िल्म नहीं आई। हालांकि, 1974 में आशा भोसले का साथ छूटने के बाद नैय्यर का करियर ढलान पर आ गया। दिलराज कौर, वाणी जयराम, कविता कृष्णमूर्ति सबसे गवाया, पर गीतों में ‘वो’ बात नहीं आ पाई। नब्बे के दशक में भी दो-तीन फिल्में आईं, मगर उनका भी हश्र वही रहा। नैय्यर का स्वभाव, उनकी साफगोई उनके पारिवारिक जीवन पर भी भारी पड़ा। शादी की पहली ही रात पत्नी सरोज मोहिनी को ये बता दिया कि उनके प्रेम प्रसंग के किस्से सुनकर अगर वो बाद में कलह करने वाली हैं तो तुरंत घर छोड़कर जा सकती हैं। नैय्यर ने साफ-साफ कहा कि जो किस्से उन तक पहुंचेंगे उनमें से ज्यादातर सच होंगे। आखिरकार एक दिन इन किस्सों से तंग आकर सरोज मोहिनी एक दिन बच्चों सहित उन्हें छोड़कर चली गई।

इसे भी पढ़ें: बॉलीवुड ही नहीं देश तक छोड़ दिया टॉप पर रही इस रहस्यमयी एक्ट्रेस ने!

परिवार छोड़ ही गया था, अब गिनती के कुछ दोस्तों से ही ताल्लुक बचे थे। ओपी नैय्यर को संगीत के अलावा ज्योतिष और होम्योपैथी की भी जानकारी थी। कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद उनके प्रशंसक मरीज बनकर उनसे मिलने आते थे। जो विद्रोही स्वभाव, ज़िद और अक्खड़पन नैय्यर को बचपन में ही मिल गया था वह आखिरी वक्त तक उनके साथ रहा। 28 जनवरी 2007 को उनकी मृत्यु हुई थी लेकिन जाते-जाते भी उन्होंने अपनी जिद नहीं छोड़ी। अंत्येष्टि में परिवार का कोई व्यक्ति शामिल न हो, यही उनकी आखिरी जिद थी। जो उनके परिवार वालों ने ससम्मान पूरी की।

इसे भी पढ़ें: पहली ही फ़िल्म से सबके दिलों पर राज करने वाली यह एक्ट्रेस आज है गुमनाम!

जिस लता से ओपी ने कभी कोई गीत नहीं गवाया उसी लता मंगेशकर ने उनकी मौत पर बीबीसी से कहा था- "उनको लोग कभी भूल ही नहीं सकते। मुझे लगता है जिस कलाकार का काम अच्छा होता है वो कभी ख़त्म नहीं होता है, वो हमेशा जीवित रहता है, ओपी नैय्यर हमेशा ज़िन्दा रहेंगे!"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.