करीना कपूर के करियर की जान हैं ये 6 फ़िल्में, इस फ़िल्म ने बदल दी थी इमेज
करीना को बॉलीवुड में ऐसी एक्ट्रेस माना जाता है जो अपने कंफ़र्ट ज़ोन में रहकर काम करती हैं। जिसे अपनी लिमिट्स मालूम हैं।
मुंबई। बॉलीवुड को कपूर ख़ानदान ने हीरो तो बहुत दिये हैं, मगर हीरोइनें गिनती की दी हैं। ख़ानदानी परंपरा ही ऐसी रही कि बहू-बेटियों को कपूरों ने पर्दे से दूर रखा। जो हीरोइनें कपूरों की बहू बनीं, उन्हें परिवारिक ज़िम्मेदारियों के चलते सिल्वर स्क्रीन से दूरी बनानी पड़ी, मगर इस परंपरा को तोड़ा रणधीर कपूर और बबीता की बेटियों करिश्मा कपूर ने और इसे आगे बढ़ाया करीना कपूर ने।
करीना आज अपना 37वां जन्म दिन मना रही हैं, लिहाज़ा उनकी ही बात करते हैं और याद करते हैं बेबो की उन परफॉर्मेंसेज़ को, जिनके बिना बॉलीवुड की गलियों में गुमनाम हो सकती थीं करीना।
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करीना ने 2000 में जेपी दत्ता की फ़िल्म 'रिफ्यूजी' से बॉलीवुड में बतौर एक्ट्रेस क़दम रखा। इस फ़िल्म में उनके साथ अभिषेक बच्चन ने भी फ़िल्मी पारी शुरू की। भारतीय सिनेमा के आला ख़ानदान की बेटी होने के बावजूद करीना का डेब्यू बेहद सादगी भरा रहा। फ़िल्म में उन्होंने एक गांव की लड़की का रोल निभाया। रिफ़्यूजी कमर्शियली फ्लॉप रही, मगर करीना की अदाकारी को देखकर कहा गया कि हीरोइन बनने की ज़िद करके उन्होंने ग़लती नहीं की।
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करीना का करियर एक बार शुरू हुआ तो फिर रफ़्तार पकड़ता रहा। हालांकि करीना के करियर के शुरुआती दौर में बहुत कम ऐसी फ़िल्में रहीं, जिन्हें यादगार माना जाए, मगर वक़्त के साथ बेबो ने अपनी अलग पहचान बनानी शुरू कर दी, जिसका शुभारंभ हुआ 'चमेली' से, जिसे सुधीर मिश्रा ने डायरेक्ट किया था। ये फ़िल्म बेबो की की अदाकारी के मिज़ाज से बिल्कुल अलग थी। फ़िल्म में करीना ने एक स्ट्रीट स्मार्ट प्रोस्टिट्यूट का किरदार निभाया। अब तक बहू, बेटी और प्रेमिका वाले रोल निभाती रहीं करीना के लिए ये ज़बर्दस्त बदलाव था, तो उनके फ़ैंस के लिए सुखद आश्चर्य। इस फ़िल्म के ज़रिए करीना ने अपने सरनेम को ओवरशैडो कर दिया।
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2004 में ही आयी 'फ़िदा'। केन घोष निर्देशित इस फ़िल्म में करीना के साथ फ़रदीन ख़ान और शाहिद कपूर लीड रोल्स में थे। इस रोमांटिक थ्रिलर फ़िल्म में करीना पहली बार नेगेटिव किरदार में नज़र आयीं। फ़िदा ने करीना की वर्सेटिलिटी साबित की।
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2006 में करीना ने विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी फ़िल्म 'ओमकारा' में फ़ीमेल लीड रोल प्ले किया। डॉली मिश्रा के ग्लैमरहीन किरदार के ज़रिए करीना ने अपनी इमोशंस की एक अलग रेंज पर्दे पर पेश की। महान साहित्यकार शेक्सपियर के नाटक ओथेलो पर बनी इस फ़िल्म में बेबो ने अजय देवगन के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था। फ़िल्म उनके भावी पति सैफ़ अली ख़ान के लिए भी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई, जिन्होंने लंगड़ा त्यागी का यादगार किरदार निभाया।
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2007 में करीना के करियर ने ज़बर्दस्त करवट ली, जब इम्तियाज़ अली की फ़िल्म 'जब वी मेट' रिलीज़ हुई। इस फ़िल्म में बेबो ने फ़ीमेल लीड रोल निभाया। या यूं कहें कि लीड रोल निभाया। जब वी मेट उन्हीं के किरदार पर आधारित फ़िल्म थी। अपनी सपनीली दुनिया के पीछे भागती एक बेबाक और बिंदास लड़की जब प्यार में धोखा खाती है तो कैसे टूटकर बिखर जाती है। जब वी मेट करीना के करियर की बेहतरीन फ़िल्मों में शामिल है।
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2016 में रिलीज़ हुई 'उड़ता पंजाब' में लीड रोल शाहिद कपूर और आलिया भट्ट ने निभाये थे, जबकि करीना का ट्रैक साइड स्टोरी के रूप में था। उनका रोल भी ज़्यादा बड़ा नहीं था, मगर फिर भी बेबो ने अपनी दमदार एक्टिंग से इस किरदार को इतना असरदार बना दिया कि उनके रोल की कम लंबाई महसूस नहीं हुई।अभिषेक चौबे ने फ़िल्म डायरेक्ट की थी।
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करीना को बॉलीवुड में ऐसी दीवा माना जाता है जो अपने कंफ़र्ट ज़ोन में रहकर काम करती हैं। जिसे अपनी लिमिट्स मालूम हैं। कुछ मौक़ों पर उन्होंने इसे स्वीकार भी किया है। शायद इसीलिए बेबो ने आज तक किसी ऐसी फ़िल्म में काम नहीं किया, जिसमें एक्शन-स्टंट करने हों। जबकि उनके साथ की तमाम एक्ट्रेसेज़ अक्सर एक्शन का दमख़म दिखाती नज़र आ जाती हैं। करीना अब 'वीरे दी वेडिंग' में दिखेंगी। उनके चाहने वालों को लगता है कि करीना का बेस्ट आना अभी बाक़ी है। शायद उन्हें भी लगता हो।