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जॉन अब्राहम और उनकी मां यह देखकर हो जाते हैं Emotional, नहीं रुकते आंसू

जॉन अब्राहम बुर्जुगों और बच्चों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं। वो इनकी मदद के लिए काम करेंगे।

By Rahul soniEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 12:28 PM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 12:28 PM (IST)
जॉन अब्राहम और उनकी मां यह देखकर हो जाते हैं Emotional, नहीं रुकते आंसू
जॉन अब्राहम और उनकी मां यह देखकर हो जाते हैं Emotional, नहीं रुकते आंसू

रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। बॉलीवुड के हंक जॉन अब्राहम फिल्मों में स्टंट्स और जबरदस्त एक्शन करते नज़र आते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि जॉन इमोशनल नहीं हैं तो आप गलत हो सकते है। क्योंकि वो समाज के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। हालही में एक कार्यक्रम में उन्होंने एक बात साझा की जिसमें उन्होंने बुर्जुगों और बच्चों को लेकर अपनी संवेदना का जिक्र किया और अपने ड्रीम्स के बारे में बताया। 

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एक्टर जॉन अब्राहम समाज के लिए बहुत काम करना चाहते हैं। हालही में मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में जॉन ने अपनी मां के बारे में बताया कि वो किस तरह लोगों की मदद करती हैं। जॉन ने कहा, ''मेरी मां मुंबई के अंधेरी इलाके में ओल्ड एज होम में बुजुर्ग लोगों की देख-रेख करती हैं। कुछ दिन पहले वहां एक अमेरिका में रहने वाला आदमी अपने बुजुर्ग पिता को लेकर आया था और पिता को बोला आप आज रात यहां रहिये कल मैं आकर आपको लेकर जाऊंगा, लेकिन वो कभी भी वापस नहीं आया। उसके पिता गुजर गए। तब भी बेटा नहीं आया लेकिन जब सम्पत्ति का बटवारा हुआ तब आया। इस बात का मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा। इसलिए मैं किसी एसोसिएशन के जरिये ऐसे बुजुर्ग लोगों की मदद करना चाहता हूं। हम लोग सिर्फ पैसे के बारे में सोचते हैं। खासकर मर्द अपनी काम को अपने पैसे से जोड़कर देखते हैं। आज सबसे महत्वपूर्ण परिवार है। उनकी देखभाल करना है। माता-पिता और दादा-दादी की देखभाल करना बहुत जरुरी है।''

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जॉन ने समाज के प्रति अपनी संवेदनाओं को व्यक्त करते हुए बताया कि, ''मां वाडिया अस्पताल भी जाती हैं बच्चों की देखभाल करने। जब मैं उनके साथ जाता था तो बच्चों की हालत देखकर रो पड़ता था। 4-6 साल के बच्चे थे और उन्हें पता नहीं था कि उनके साथ क्या हो रहा है लेकिन उनके माता-पिता रोते थे। मेरी मां भी घर आकर रोती थी। यह देखकर बहुत दुख होता था। आज मेरा सपना बुजुर्ग लोगों के लिए एक घर बनाने का है। दूसरा बच्चों के लिए अस्पताल खोलने का है। इसके अलावा जानवरों की देखभाल करने के लिए अस्पताल भी खोलना चाहता हूं। यह तीनों चीजें मेरे जीवन में बहुत मायने रखती हैं। जो प्यार आपको जानवरों से मिलता है वो आपको इंसानों से नहीं मिलेगा। 


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