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सरकारी स्कूलों के चलते हिंदी की हालत बुरी - इरफ़ान

इरफ़ान खान ने कहा कि अंग्रेजी एक जरूरत हो गई है। अंग्रेजी से कोई दुश्मनी नहीं है। दुश्मनी का कोई तुक भी नहीं है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Tue, 16 May 2017 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 16 May 2017 03:16 PM (IST)
सरकारी स्कूलों के चलते हिंदी की हालत बुरी - इरफ़ान
सरकारी स्कूलों के चलते हिंदी की हालत बुरी - इरफ़ान

रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। अभिनेता इरफ़ान को लगता है कि सरकारी स्कूल के दयनीय स्थिति के कारण हमारे समाज से हिंदी का प्रचलन धीरे धीरे कम होता जा रहा है।

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टीचर्स के लिए रखी गई फिल्म हिंदी मीडियम की स्पेशल स्क्रीनिंग के मौके पर आये इरफ़ान ने कहा कि अपने देश में हिंदी मीडियम में पढ़ाने वाले सरकारी स्कूल की स्थिति काफी दयनीय है जिसके चलते हिंदी का बुरा हाल है। इरफ़ान कहते हैं " बच्चों पर पढाई का बोझ बहुत है लेकिन जहां तक सरकारी स्कूल की बात है, उनकी हालत बहुत दयनीय है। उनकी स्थिति ठीक होगी तो हिंदी का भी भला होगा। " इरफ़ान खान ने कहा कि अंग्रेजी एक जरूरत हो गई है। अंग्रेजी से कोई दुश्मनी नहीं है। दुश्मनी का कोई तुक भी नहीं है। जितनी ज्यादा भाषाएं सीखेंगे, उतनी अच्छी बात है लेकिन अपनी राष्ट्रभाषा पर आपको आत्मविश्वास होना चाहिए। ऐसा नहीं लगना चाहिए कि बतौर व्यक्ति अगर आपको कोई भाषा नहीं आती तो आपमें कोई कमी है। क्लासेस भी इसी वजह से फलते- फूलते हैं । आजकल पढाई में बहुत कॉम्पिटीशन है। बच्चे को सिर्फ स्कूल में पढ़ाना अब काफी नहीं है, बाहर भी जाकर पढ़ना पड़ता है।

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गौरतलब है कि साकेत चौधरी डायरेक्टेड फिल्म हिंदी मीडियम अंग्रेजी मीडियम में अपनी बच्ची का दाखिला करवाने वाले ऐसे माता-पिता की कहानी है, जिन्हें एडमिशन के चक्कर में जमीन आसमान एक करना पड़ता है।


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