Happy Holi : ठहाके लगाकर हंसे शेखर सुमन लेकिन इस बार नहीं पता थी हंसने की बजह
शेखर सुमन इन दिनों संजय दत्त के साथ फिल्म भूमि की शूटिंग में व्यस्त हैं। फिल्म की शूटिंग जल्द पूरी होनेवाली है।
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई (एक्सक्लूसिव)। शेखर सुमन की हंसी न रूके ये बात तो समझ में आती है, लेकिन होली के मौके पर एेसा हुआ तो इसमें जरूर कुछ न कुछ जबरदस्त बात होगी। इसके बारे में खुद शेखर ने बताया।
जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत में अपनी यादगार होली के बारे बताया फिल्म अभिनेता शेखर सुमन ने। शेखर के अनुसार दोस्त के घर भांग खाकर चले गए और ऐसा नशा था कि हंसी रोके नहीं रुक रही थी। शेखर ने बताया कि उनकी यादगार होली पटना में हुआ करती थी। जब वो पटना में अपने परिवार के साथ रहते थे, तब होली खेलने का मजा कुछ और ही हुआ करता था। शेखर के अनुसार, 'यादगार होली बचपन में पूरे परिवार के साथ पटना में खेला करता था। एक बार वहां से निकल गया फिर होली अनजान लोगों के साथ ही मनाई। सबसे अच्छी होली अपने नजदीक वालों के साथ, रिश्तेदारों के साथ होती है। छोटे शहर में एक अलग ही माहौल होता है। अलग आत्मीयता होती है। पटना की होली यादगार रही है जो मैं कभी नहीं भूलूंगा। बाकि आजकल कमर्शियल होली मनाई जाती है। खानापूर्ति के लिए रंग लगाते हैं।'
शेखर सुमन ने कॉलेज की यादगार होली भी बताई और कहा, 'कॉलेज में मुझे याद है, हमने होली के वक्त भांग खाकर दूसरे दोस्त के घर चले गए। उस दिन पता चल गया कि क्यों लोग यह मुहावरा कहते हैं कि वो हंसते हंसते मर गया क्योंकि भांग का नशा होने के कारण हम न जाने क्यों हंस रहे थे। मुझे याद है मित्र की मां हमें नाश्ता करा रही थी और नाश्ते में पराठा खिला रही थी। जब-जब पराठा बनाकर लेकर आती हमलोग बाथरूम में जाकर बन्द हो जाते थे और हंसते रहते थे। पता नहीं किस बात को लेकर हंसते रहते थे लेकिन भांग का नशा ही ऐसा होता है कि आप एक बार जो करते है वही करने लगते हैं।
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