Exclusive : सरकारी स्कूल की स्टूडेंट पूर्णा ने 13 साल की उम्र में एवरेस्ट फतह कर साबित कर दिया कि लड़कियां...
पूर्णा फिल्म का निर्देशन, निर्माण और अभिनय राहुल बोस ने किया है। हाल ही में फिल्म भारतीय टीम ने भी देखी और काफी सराहा।
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। जांबाज पूर्णा मलावथ पर बनी फिल्म 'पूर्णा' का ट्रेलर लांच हो चुका है। यह एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। इस मौके पर रियल लाइफ की भी पूर्णा मलावथ मौजूद थी जिन्होंने इस कठिन चढ़ाई की पीछे का कारण शेयर किया।
पूर्णा मलावथ की उम्र महज 13 साल थी जब वह दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर तिरंगा लहरा रही थी। पूर्णा ने सबसे कम उम्र में यह कारनामा कर एक विश्व कीर्तिमान बनाया है। पूर्णा एक आदिवासी, देश के दुर्गम और पिछड़े भाग से हैं। पूर्णा के माता-पिता भी बहुत गरीब हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि सिर्फ 13 साल की उम्र में इस गरीब लड़की ने यह कारनामा कैसे कर दिखाया होगा? वह भी बहुत ही इतनी छोटी सी उम्र में जब दिन पढ़ने लिखने और खेलने के होते हैं। इस सवाल का जवाब देते हुए पूर्णा मलावथ ने मुंबई में उनके नाम से बनी फिल्म 'पूर्णा' के ट्रेलर लांच के दौरान कहा कि, '52 दिन की कठिन चढ़ाई में मैं जब 15 मिनट की दुरी पर थी, तब मैंने एक मृतदेह देखा और मैं डर गई थी। डर इसलिए क्योंकि मुझे लगा कि कही मेरा हाल भी ऐसा नहीं हो जाए। लेकिन डर को दूर भगाने के लिए मैनें स्कूल के सिखाए 10 नियमों को याद किया और मैं एवरेस्ट पर पहुंच गई। इस कठिन चढ़ाई को करके मैं यह साबित करना चाहती थी कि, 'लडकियां कुछ भी कर सकती है।' गौरतलब है कि इस फिल्म की टैग लाइन भी यही है। उन्होंने यह भी कहा कि, इसके अलावा मुझे यह भी साबित करना था कि सरकारी स्कूल से पढ़े बच्चे निक्कमे नही होते है।'
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पूर्णा फिल्म का निर्देशन, निर्माण और अभिनय राहुल बोस ने किया है। हाल ही में फिल्म भारतीय टीम ने भी देखी और काफी सराहा।