Exclusive : महज 13 साल की पूर्णा को पता ही नहीं था कि माउंट एवरेस्ट किस बला का नाम है
फिल्म 'पूर्णा' पूर्णा मलावथ के जीवन पर आधारित है। राहुल बोस द्वारा निर्देशित यह फिल्म 31 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है।
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। फिल्म 'पूर्णा' पर्वतारोही पूर्णा मलावथ की सच्ची कहानी पर आधारित है। एक ऐसी लड़की जिसने मात्र 13 वर्ष की आयु में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया। खास बात यह है कि पूर्णा ने जब माउंट एवेरस्ट पर चढ़ाई करने की बात के लिए हां बोला था तब उन्हें पता ही नहीं था कि पर्वत माउंट एवरेस्ट किस बला का नाम है।
फिल्म 'पूर्णा' में एक ऐसी लड़की की कहानी को देखने का मौका मिलेगा जिसने मात्र 13 वर्ष कि आयु में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर सफलता से चढ़ाई करते हुए तिरंगा लहराया था। दिलचस्प बात यह है कि जब पूर्णा ने एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए हां बोला था तब उसे पता ही नहीं था कि माउंट एवरेस्ट किस बला का नाम है। इस बारे में पूर्णा ने बताया, 'मेरी शिक्षक ने पूछा कि क्या तुमने माउंट एवरेस्ट के बारे में सुना है? इस बात पर मैंने जवाब दिया कि, मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं पता है लेकिन यह सुनने में अलग है। इसलिए मुझे जाना है। मुझे माउंट एवरेस्ट के बारे में कुछ भीं नहीं पता था लेकिन मैं इसे फतह करने में दिलचस्पी रखती हूं। इसके बाद मेरी शिक्षिका ने मेरे माता-पिता से पूछा। पिताजी ने प्रोत्साहित किया और जाने के लिए कहा पर मां रोने लगी। हालांकि बाद में उन्होंने भी जाने की आज्ञा दे दी। इस अभियान के माध्यम से मैं यह साबित करना चाहती थी कि लडकियां कुछ भी कर सकती हैं।'
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इस मौके पर पूर्णा ने यह भी बताया कि इसके पहले वो कभी भी हवाई जहाज और रेल में नहीं बैठी थीं। खास बात यह है कि, वो देश के ऐसे इलाके से हैं जहां माचिस लेने के लिए भी 7 किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जाना पड़ता है। फिल्म 'पूर्णा' पूर्णा मलावथ के जीवन पर आधारित है। राहुल बोस द्वारा निर्देशित यह फिल्म 31 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है।