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'कोचडयान' में रजनीकांत के अपोजिट भूमिका निभा रहीं दीपिका पादुकोण

मुंबई फिल्म 'कोचडयान' परफॉरमेंस कैप्चरिंग तकनीक पर आधारित होने के कारण इन दिनों चर्चा में है। दीपिका उसमें सुपरस्टार रजनीकांत के अपोजिट भूमिका में हैं। दीपिका बताती हैं, 'यह फिल्म कई मायनों में खास है। एक तो मुझे रजनी सर के संग काम करने का मौका मिला। दूसरा य

By Edited By: Published: Thu, 08 May 2014 02:19 PM (IST)Updated: Thu, 08 May 2014 02:19 PM (IST)
'कोचडयान' में रजनीकांत  के अपोजिट भूमिका निभा रहीं दीपिका पादुकोण

मुंबई फिल्म 'कोचडयान' परफॉरमेंस कैप्चरिंग तकनीक पर आधारित होने के कारण इन दिनों चर्चा में है। दीपिका उसमें सुपरस्टार रजनीकांत के अपोजिट भूमिका में हैं। दीपिका बताती हैं, 'यह फिल्म कई मायनों में खास है। एक तो मुझे रजनी सर के संग काम करने का मौका मिला। दूसरा यह एक ग्लोबल फिल्म है। यह एक साथ रूस, जापान और चीन समेत कई देशों में रिलीज हो रही है। ¨हदुस्तान में ं यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू के अलावा भोजपुरी में भी रिलीज होगी। इस लिहाज से देखा जाए, तो यह मुझे गांव से लेकर ग्लोब के दूसरे हिस्से तक फैन बेस बनाने में मदद करेगी। मुझे और ज्यादा लोगों से जुड़ने और प्यार हासिल करने में मदद मिलेगी। तीसरी बात यह कि इसमें हमारे परफॉरमेंस को कैप्चर किया गया, फिर उसे एनिमेशन का स्वरूप में ढाला गया। उस प्रक्रिया से गुजरना वाकई अद्भुत रहा।

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मेरे ख्याल से हर महान कलाकार ऊर्जा से लबरेज होता है। चाहे वह बच्चन साहब हों या फिर शाहरुख। रजनी सर में भी भरपूर ऊर्जा है। उनकी सेट पर मौजूदगी भर से वहां काम करने वालों में एक अलग किस्म की रवानगी आ जाती थी। वह सालों से इंडस्ट्री में हैं, फिर भी उनके जुनून में कोई कमी नहीं आई है। उनके चेहरे पर वही मासूमियत बरकरार है। वह अपने काम से बोर भी नहीं हुए हैं। यहां तक कि पिछले साल वह जब बीमारी से ठीक होकर वापस काम पर लौटे तो भी उनका चेहरा निस्तेज नहीं था। मुझे याद है हमारा पूरा शेड्यूल 45-60 दिन का था। उसमें से मेरे हिस्से में उनके संग वाले शूट के तीन दिन मिले थे। मेरे ख्याल से मेरी कड़ी मेहनत का फल तब जाकर मिला था। मुझे बड़ी हैरत होती थी कि उस कद का इंसान आज भी निर्देशक, सहायकों, सब के निर्देश मानता है। अनुशासित और हंबल है। मेरे लिए यह फिल्म पेशेवर से ज्यादा निजी तौर पर लर्निग एक्सपीरिएंस रहा।

मैं अब यही कोशिश कर रही हूं कि कमर्शियल और लीक से हटकर बनने वाली सभी किस्म की फिल्में करूं। सौभाग्य से मैं उस पोजिशन में हूं भी कि वैसा कर सकती हूं। 'कॉकटेल' के बाद से मेरी जिंदगी में एक टर्निग प्वॉइंट आया। मुझे बात समझ में आ गई है कि आखिर में आपका काम ही आपकी पोजिशन तय करता है।'

अभिनेत्रियों के मामले में ऐसा क्यों होता है कि उनकी रिप्लेसमेंस बड़ी आसानी से मिल जाती है। 'गोलियों की रासलीला-रामलीला' करीना ने छोड़ी, दस दिन के अंदर आपने उन्हें रिप्लेस कर दिया। क्या निर्देशकों को लगता है कि किरदार विशेष तो कोई भी अभिनेत्री कर ही लेगी? पूछे जाने पर दीपिका कहती हैं, 'यह सवाल तो निर्देशकों से पूछा जाना चाहिए। वैसे मुझे लगता है कि अगर कोई और अभिनेत्री भी वांछित परफॉरमेंस डेलिवर कर सकती है तो रिप्लेसमेंट हो जाती है।'

(सप्तरंग टीम)


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