पद्मावती मामले को ऐसे सुलझाना चाहते हैं सेंसर प्रमुख प्रसून जोशी
मामला खटाई में पड़ गया जब सेंसर बोर्ड ने संजय लीला भंसाली की तरफ़ से पद्मावती को सेंसर करने के लिए आई अर्ज़ी को तकनीकी ख़ामियों से भरपूर बता कर लौटा दिया ।
मुंबई। सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी ) यानि सेंसर बोर्ड के प्रमुख का पद संभालने के बाद से पहली बार किसी बड़े विवाद को देख रहे प्रसून जोशी ने कहा है कि पद्मावती को लेकर चल रहा विवाद बहसबाजी से नहीं बल्कि आपसी बातचीत से ही हल होना चाहिए।
जोशी आज पणजी में थे, जहां वो सोमवार से शुरू हुए 48वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने गए हैं । यहां मीडिया से बातचीत के दौरान सेंसर प्रमुख ने कहा कि वैसे ये इस बारे में बात करने का उचित मंच नहीं हैं । पद्मावती मामले में हम पूरी प्रक्रिया के तहत काम कर रहे हैं । हमें इस मुद्दे का रास्ता बातचीत कर निकलना चाहिए न कि इस बारे में बहस कर । बता दें कि करणी सेना सहित कई संगठन तो पहले से ही पद्मावती में रानी पद्मिनी का गलत चित्रण दिखाए जाने को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन पिछले फिल्म की एक दिसंबर को होने वाली रिलीज़ को लेकर तब मामला खटाई में पड़ गया जब सेंसर बोर्ड ने संजय लीला भंसाली की तरफ़ से पद्मावती को सेंसर करने के लिए आई अर्ज़ी को तकनीकी ख़ामियों से भरपूर बता कर लौटा दिया । साथ ही प्रसून जोशी इस बात पर भी नाराज़ हो गए कि सेंसर के नियमों का उल्लंघन कर कैसे फिल्म मीडिया के कुछ लोगों को दिखा दी गई जबकि सेंसर ने अभी फिल्म देखी ही नहीं है । इसके बात तमाम हालात देखते हुए निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज़ को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया ।
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चितौड़ की रानी पद्मिनी बनी दीपिका पादुकोण, राजा महारावल रतन सिंह बने शाहिद कपूर और खिलज़ी वंश के सुल्तान अलाउद्दीन खिलज़ी बने रणवीर सिंह की ये फिल्म अब कब रिलीज़ होगी, इसको लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है ।