गांव-क़स्बों में कर रहा बॉलीवुड धमाल, हीरो भी बन रहे 'हीरालाल'
कुछ दिन पहले सुई धागा की तस्वीर आयी थी, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी थी। छोटे क़स्बों में पले-बढ़े लोग वरुण और अनुष्का की ऐसी तस्वीरें देखकर निश्चित रूप से यादों में खो गये होंगे।
मुंबई। बॉलीवुड फ़िल्मों की कहानियां जैसे-जैसे छोटे क़स्बों और शहरों में शिफ़्ट हो रही हैं, पर्दे के हीरो भी 'हीरालाल' बनते जा रहे हैं। उनके कपड़ों से लेकर बातचीत करने और उठने-बैठने का ढंग, आपको अपने ही बीच के किसी शख़्स की याद दिला देता है। पर्दे पर स्टाइलिश दिखने वाले स्टार्स इन आम किरदारों में ख़ुद को इस क़दर ढाल लेते हैं कि पहचानना मुश्किल हो जाता है।
आज कल 'बत्ती गुल मीटर चालू' की तस्वीरें इंटरनेट पर घूम रही हैं। शूटिंग उत्तराखंड में चल रही है। इन तस्वीरों में आप शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर को देख रहे होंगे। दोनों के लुक और गेटअप से ही अंदाज़ा हो जाता है कि उनके किरदार स्थानीय रंगों में रंगे हुए हैं। इस फ़िल्म को श्रीनारायण सिंह डायरेक्ट कर रहे हैं, जिनकी पिछली फ़िल्म 'टॉयलेट- एक प्रेम कथा' है। इस फ़िल्म की कहानी मथुरा में गढ़ी गयी थी, और उसी के मुताबिक़ अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर के किरदार लिखे और विकसित किये गये थे।
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अक्षय कुमार की फ़िल्म 'पैडमैन' की कहानी मध्य प्रदेश के छोटे-से क़स्बे में सेट की गयी थी। हालांकि इस फ़िल्म का नायक दर्शकों के लिए अपरिचित नहीं था, क्योंकि वो रियल लाइफ़ में पैडमैन के नाम से मशहूर अरुणाचलम मुरुगनंथम पर आधारित था।
कुछ दिन पहले 'सुई धागा' की एक तस्वीर आयी थी, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी। छोटे क़स्बों में पले-बढ़े लोग वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की ऐसी तस्वीरें देखकर निश्चित रूप से यादों में खो गये होंगे। घर-गृहस्थी वाले युवक के रूप में वरुण धवन और एक सुंदर-सुशील गृहिणी के अंदाज़ में अनुष्का। हल्के बैंगनी रंग की प्रिंटेड साड़ी के साथ पीले रंग का मैचिंग कार्डिगन पहने अनुष्का को देख आप नब्बे के दशक के किसी छोटे शहर में पहुंच जाते हैं। 'सुई धागा' मेक इन इंडिया से प्रेरित कहानी है, जिसे शरत कटारिया डायरेक्ट कर रहे हैं।
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छोटे शहरों और क़स्बों में सेट की गयी कहानियों में एक और बात पर आपने ग़ौर किया होगा। ये किरदार उस जगह की बोलचाल के स्थानीय लहज़े को पकड़ने की कोशिश करते हैं। शरत की पिछली फ़िल्म 'दम लगाके हईशा आप भूले नहीं होंगे। कहानी की पृष्ठभूमि हरिद्वार रखी गयी थी। फ़िल्म के मुख्य किरदारों की वेशभूषा, बोलचाल का लहज़ा, ज़िंदगी को लेकर सोच और एप्रोच तक में स्थानीय रीति-रिवाज़ों और विचारों की स्पष्ट छाप थी। इस फ़िल्म में आयुष्मान खुराना, भूमि पेडनेकर और संजय मिश्रा मुख्य किरदारों में थे।
पिछले साल रिलीज़ हुई बरेली की बर्फ़ी की कहानी उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में गढ़ी गयी थी। फ़िल्म की कथा-पटकथा में शहर की फ़िज़ा को ख़ूब महसूस किया गया था, वहीं पात्रों की बोचचाल में स्थानीय लहज़े का ध्यान रखा गया। अश्विनी अय्यर तिवारी निर्देशित इस फ़िल्म में आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव और कृति सनोन ने मुख्य किरदार निभाये।
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श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर धड़क से अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू कर रही हैं। ये मराठी फ़िल्म सैराट का आधिकारिक रीमेक है। सैराट की कहानी महाराष्ट्र के एक गांव में सेट की गयी थी, इसीलिए धड़क की कहानी राजस्थान के किसी छोटे शहर में शिफ़्ट कर दी गयी है। फ़िल्म के मुख्य किरदार उसी अंदाज़ में दिखने वाले हैं। फ़िल्म को शशांक खेतान डायरेक्ट कर रहे हैं। स्थानीय मिट्टी की ख़ुशबू में रचे-बसे इन किरदारों को देखकर दर्शक भी उनसे कनेक्शन बिठाने में कामयाब रहते हैं।