Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीख रहे हैं अमिताभ बच्चन

    By Edited By:
    Updated: Mon, 14 Oct 2013 01:32 PM (IST)

    मुंबई। इस बार शो 'कौन बनेगा करोड़पति' की टैगलाइन है-सीखना बंद तो जीतना बंद। ऐसा लगता है कि सिद्धार्थ बसु और सोनी की टीम ने अमितोभ बच्चन के क्रिया-कलापो ...और पढ़ें

    Hero Image

    मुंबई। इस बार शो 'कौन बनेगा करोड़पति' की टैगलाइन है-सीखना बंद तो जीतना बंद। ऐसा लगता है कि सिद्धार्थ बसु और सोनी की टीम ने अमितोभ बच्चन के क्रिया-कलापों को नजदीक से देखने के बाद ही इस टैगलाइन के बारे में सोचा। पिछले कई सालों से अमिताभ बच्चन 'कौन बनेगा करोड़पति' पेश कर रहे हैं। हर साल थोड़ी तब्दीली आती है। उस तब्दीली के साथ अमिताभ बच्चन ताजगी ले आते हैं। उनकी सीखने की ललक अभी तक खत्म नहीं हुई है। आम तौर पर भारतीय समाज और परिवार में बुजुर्ग सीखना बंद कर देते हैं। वे नई तकनीक से बहुत घबराते हैं। चाल-चलन और व्यवहार में भी उन्हें नई बातें पसंद नहीं आतीं। यही वजह है कि वे हमेशा अपने दिनों और समय को याद करते रहते हैं। खीझते हैं और कुंठित होते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंदी फिल्मों में अमिताभ बच्चन ने चौवालिस साल बिता दिए। कई बार उनके करियर की इतिश्री की गई और श्रद्धांजलि तक लिखी गई, लेकिन हर बार वे किसी अमरपक्षी की तरह राख से लहरा कर उठे और उन्होंने नई ऊंचाइयां हासिल कीं। फिल्मों के बाद टीवी पर भी सफल पारी खेली। वे अभी तक सक्रिय हैं। फिलहाल उनके प्रशंसक और दर्शक 'कौन बनेगा करोड़पति' का आनंद उठा रहे हैं। अगले साल कुछ फिल्में भी आ जाएंगी।

    अमिताभ बच्चन की मौजूदगी और सक्रियता ने लेखकों और निर्देशकों की कल्पना को नई उड़ान दी है। वे उम्रदराज किरदारों के बारे में सोचने लगे हैं। अमिताभ बच्चन को ध्यान में रख कर फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं। अगर उन फिल्मों के लिए वे मना कर दें, तो किसी और के साथ उन फिल्मों को पूरा नहीं किया जा सकता। इस लिहाज से अमिताभ बच्चन का कोई विकल्प नहीं है। हिंदी फिल्मों में ऐसे उदाहरण कम मिलते हैं, जहां साठ से अधिक उम्र के कलाकारों को केंद्रीय भूमिका सौंपी जाए। अपने इस महत्व के बावजूद अमिताभ बच्चन ने कभी कोई दावा नहीं किया। उन्होंने हमेशा अपने निर्देशकों और अब युवा कलाकारों को इसका श्रेय दिया। वे हमेशा यही कहते हैं कि निर्देशकों ने मुझे जो कहा, मैंने उनका पालन किया।

    पिछले चौदह-पंद्रह सालों में उनसे लगातार मिलने के अपने अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि परिचितों के साथ वे एक निश्चित दूरी कायम रखते हैं। ज्यादातर मुलाकातें औपचारिक होती हैं। सुनिश्चित मुद्दे से अलग विषय पर बातें करना मुमकिन नहीं होता। फिर भी उनकी मुलाकातों से कोई असंतुष्ट होकर नहीं लौटता। इन दिनों कुछ कलाकार और निर्देशक पत्रकारों पर आक्षेप लगाते हैं कि वे एक जैसे ही सवाल करते हैं। अमिताभ बच्चन ने कभी ऐसी शिकायत नहीं की। एक बार तो उन्होंने दिन भर में 56 इंटरव्यू दिए। वे सभी इंटरव्यू एक-दूसरे से अलग थे। उन्होंने न तो कोई उकताहट दिखाई और न एक जैसे सवालों से खीझे। अपने तई उन्होंने एक जैसे सवालों के भी डिफरेंट जवाब दिए। वे अपने प्रोफेशन की जरूरतों को अच्छी तरह समझते हैं।

    अमिताभ बच्चन अपनी अच्छी-बुरी फिल्मों में फर्क नहीं करते। उनके लिए हिट और फ्लॉप दोनों फिल्में समान हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह जरूर कहा था कि फिल्म फ्लॉप होने पर उसमें किया गया अच्छा काम भी भुला दिया जाता है। उन्हें अपनी तीन फिल्मों के न चलने का बेहद अफसोस है, 'नि:शब्द', 'आलाप' और 'मैं आजाद हूं'। तीनों ही फिल्मों में उन्होंने कुछ नया करने की कोशिश की थी। कुछ सालों पहले आई 'पा' सफल होने पर वे बहुत खुश हुए थे। अमिताभ बच्चन मानते हैं कि देश के दर्शक सजग और समझदार हैं। वे अच्छी-बुरी फिल्में समझ लेते हैं, लेकिन कई बार उनसे भी चूक होती है। इसके बावजूद हिंदी फिल्मों के विकास और विस्तार का श्रेय वे दर्शकों को ही देते हैं।

    निजी तौर पर व्यवस्थित और संगठित होने के बावजूद वे मानते हैं कि नई पीढ़ी के कलाकार अधिक समझदार और सुव्यवस्थित हैं। वे उनसे सीखने-समझने की कोशिश करते हैं। उनके नियमित संपर्क में रहने के लिए उनकी भाषा में बातें करते हैं। सोशल मीडिया नेटवर्क पर अपनी उपस्थिति और नियमितता से उन्होंने सभी को चौंका दिया है। अनेक व्यक्ति यही मानते हैं कि उनका ब्लॉग कोई और लिखता होगा। लेकिन सच्चाई यही है कि हर रात सोने से पहले वे अपना ब्लॉग हर हाल में अपडेट करते हैं। वे समय मिलते ही ट्विटर पर भी आते हैं। वे ब्लॉग और ट्विटर के पाठकों और फॉलोवर को अपना विस्तारित परिवार कहते हैं। वे उनके सुख-दुख में शब्दों से शामिल होते हैं।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर