ओमपुरी फिर होंगे अन्ना के आन्दोलन में शामिल
प्रतिभाशाली अभिनेता ओमपुरी भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ समाजसेवी अन्ना हजारों के आन्दोलन समर्थन में आए है। पिछली बार भी जब जनलोकपाल बिल लाने के लिए अन्ना हजारे ने आन्दोलन छेड़ा था तो ओमपुरी उनके साथ मंच पर नजर आए थे।
मुंबई। प्रतिभाशाली अभिनेता ओमपुरी भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ हैं और वे समाजसेवी अन्ना हजारे के आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं। पिछली बार भी जब जनलोकपाल बिल लाने के लिए अन्ना हजारे ने आन्दोलन छेड़ा था तो ओमपुरी उनके साथ मंच पर नजर आए थे।
उस वक्त अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी के साथ ओमपुरी ने भी सरकार के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई थी। साल 2011में रामलीला मैदान में अन्ना के मंच से भाषण देते हुए ओमपुरी ने नेताओं को कुछ ऐसी खरी-खरी सुनाई थी कि संसद में हंगामा हो गया। हालांकि बाद में ओमपुरी को माफी मांगनी पड़ी थी। लेकिन अब एक बार फिर ओमपुरी कह रहे हैं कि वे दोगुने जोश से आन्दोलन में शामिल होंगे।
65 वर्षीय अभिनेता ने कहा है कि वो जल्द ही दिल्ली में जारी अन्ना के आन्दोलन में हिस्सा लेने आएंगे। ओमपुरी के मुताबिक वे आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं और भूमि अधिग्रहण बिल पर पार्टी के नज़रिए से पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि वे इस आन्दोलन में शामिल होंगे और सड़क पर उतरने से भी नहीं हिचकेंगे।
पुरी ने ये बातें इलाहाबाद में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव प्रयोग (आईएफएफपी) के उद्घाटन के मौके पर कही। इस समारोह में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इससे पहले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अोमपुरी ने सेंसर बोर्ड के द्वारा जारी अश्लील शब्दों के लिस्ट के समर्थन में आकर सबको चौंका दिया था। उन्होंने कहा, 'आज की पीढ़ी द्वारा अश्लील शब्दों का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। इसिलिए हमें टीवी और फिल्मों में ऐसी भाषा के प्रयोग को रोकना ही होगा, नहीं तो अश्लील भाषा को और बढ़ावा मिलेगा।'
ओमपुरी ने अपने करियर की शुरुआत 'आक्रोश' और 'तमस' जैसी लीक से हटकर बनी फिल्मों से की थी। हालांकि उन्होंने इससे इंकार किया कि अब ऐसी फिल्में नहीं बन पाती हैं। उनके मुताबिक इस तरह की ऑफबीट फिल्में मेनस्ट्रीम की कमर्शियल फिल्में जितनी नहीं बनती है। ऐसा पहले भी ऐसा ही था और अभी भी ऐसा ही है।
उन्होंने कहा कि आर्ट फिल्में क्लासिकल म्यूजिक की तरह होती है, जिसके बहुत ज्यादा प्रशंसक नहीं होते हैं। लेकिन जो लोग भी इसे पसंद करते हैं वे इन्हें बेइंतहा और शिद्दत से पसंद करते हैं।
उन्होने बताया कि प्रकाश झा जैसे कुछ निर्देशकों ने आर्ट फिल्म और कमर्शियल फिल्म को एक साथ मिलाने की शुरुआत की है। उनके मुताबिक यह अच्छा है क्योंकि आर्ट फिल्मों में ग्लैमरस सितारे काम करने लगे हैं।
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