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राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में युवा प्रतिभाएं छायीं

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए इस साल 'शाहिद', 'जॉली एलएलबी', 'शिप ऑफ थीसियस' और 'काफल' के साथ 'चेन्नई एक्सप्रेस', 'धूम 3' 'कृष 3' जैसी फिल्में भी विचारार्थ थीं। सईद अख्तर मिर्जा के नेतृत्व में गठित निर्णायक मंडल ने हिंदी फिल्मों की उपधारा की फिल्मों को गुणवत्ता और कलात्मकता की दृष्टि से पुरस्कारों के योग्य समझा। यही वजह है कि 'शाहिद','जॉली एलएलबी' और 'शिप ऑफ थिसियस' को दो-दो पुरस्कार मिले।

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 01:31 AM (IST)
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में युवा प्रतिभाएं छायीं

मुंबई [अजय ब्रह्मात्मज]। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए इस साल 'शाहिद', 'जॉली एलएलबी', 'शिप ऑफ थीसियस' और 'काफल' के साथ 'चेन्नई एक्सप्रेस', 'धूम 3' 'कृष 3' जैसी फिल्में भी विचारार्थ थीं। सईद अख्तर मिर्जा के नेतृत्व में गठित निर्णायक मंडल ने हिंदी फिल्मों की उपधारा की फिल्मों को गुणवत्ता और कलात्मकता की दृष्टि से पुरस्कारों के योग्य समझा। यही वजह है कि 'शाहिद','जॉली एलएलबी' और 'शिप ऑफ थिसियस' को दो-दो पुरस्कार मिले।

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ये पुरस्कार दिल्ली में बुधवार को एक समारोह में घोषित किए गए। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए पुरस्कृत 'शाहिद' के निर्देशक हंसल मेहता ने अपने पुरस्कार का श्रेय शाहिद आजमी को दिया। उन्होंने कहा, 'शाहिद आजमी के दृढ़ संघर्ष और जीवट ने मुझे इस फिल्म के लिए प्रेरित किया। भारतीय समाज में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे सामाजिक और सरकारी अत्याचार में शाहिद निहत्थे आरोपियों के साथ खड़े रहे। उनकी भी जान गई। खुशी की बात यह भी है कि मुझे उसी साल निर्देशन का पुरस्कार मिल रहा है, जिस साल मेरे गुरु और पथ निर्देशक गुलजार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिला है। मैं उनके पांव छू कर पुरस्कार ग्रहण करने जाऊंगा।' 'शाहिद' के लिए राजकुमार राव को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। वह यह पुरस्कार मलयाली फिल्म 'पेरारियत्वर' के अभिनेता सूरज वंजारा मूडु के साथ बांटेंगे। राजकुमार राव 'शाहिद' की भूमिका के लिए पहले ही प्रशंसित और पुरस्कृत हो चुके हैं। उन्होंने कहा, 'मैं हंसल का शुक्रगुजार हूं। उन्होंने मुझे शाहिद आजमी की बायोपिक में मुख्य किरदार निभाने का मौका दिया। पुरस्कार तो सभी की तरह मैं भी चाहता हूं, लेकिन इसकी अपेक्षा नहीं की थी। यही कहूंगा कि काम के प्रति ईमानदारी बनी रहे।'

इस साल सुभाष कपूर की व्यंग्यात्मक फिल्म 'जॉली एलएलबी' हिंदी की सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित हुई। इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेता का पुरस्कार सौरभ शुक्ला को मिला। सौरभ कहते हैं, 'यह मेरा पहला नेशनल अवार्ड है। इसकी अलग महत्ता है। मुझे खुद से ज्यादा खुशी 'जॉली एलएलबी' के लिए है। उसे हिंदी की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड मिला है। 'जॉली एलएलबी' के निर्देशक सुभाष कपूर अभी 'गुड्डू रंगीला' की शूटिंग कर रहे हैं। फोन पर वह बताते हैं। 'मैं अपनी टीम और निर्माता के लिए खुश हूं। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और ऐसी फिल्म में मदद की। मेरा जोश और विश्वास बढ़ गया है।'

नेशनल फिल्म अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार राकेश ओमप्रकाश मेहरा की 'भाग मिल्खा भाग' को हासिल हुआ। सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म बतुल मुख्तियार की 'काफल' है, जिसका निर्माण चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी ने किया। हिंदी में बनी कमल स्वरूप की 'रंगभूमि' को सर्वश्रेष्ठ गैरफीचर फिल्म का पुरस्कार मिला। इसमें दादा साहेब फाल्के के जीवन संघर्ष का चित्रण है। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार 'लायर्स डाइस' की गीतांजलि थापा के नाम रहा।

पुरस्कारों की सूची से लगता है कि निर्णायक मंडल ने सभी भाषाओं में नई प्रतिभाओं को प्राथमिकता दी है। उन्होंने भारतीय सिनेमा में कथ्य और शिल्प में हो रहे परिवर्तनों को महत्व दिया। फिर भी 'द लंचबॉक्स' को किसी पुरस्कार के योग्य न समझना असमंजस पैदा करता है। इसे देश-विदेश में दर्शकों और समीक्षकों ने खासा सराहा है।

अन्य पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री-अमरुता सुभाष, (फिल्म-आइदा अल काशेफ

सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी-राजीव रवि (फिल्म- लायर्स डाइस)

सर्वश्रेष्ठ लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट - निहार रंजन समल (फिल्म- मद्रास कैफे)

सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन-बिश्वदीप चटर्जी (फिल्म- मद्रास कैफे)

सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन-असीम अहलुवालिया, तबशीर जुत्सी, परिचित परालकर

सर्वश्रेष्ठ ज्यूरी अवार्ड-महेश लिमाये/असीम अहलूवालिया

सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी-गणेश आचार्य-(फिल्म- भाग मिल्खा भाग)

सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक फिल्म-द लौस्ट बेहरुपिया

सर्वश्रेष्ठ प्रोमोशनल फिल्म-कुश

सामाजिक मसले पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म-गुंलाब गैंग

सर्वश्रेष्ठ खोजपरक फिल्म-कटियाबाज

सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिक्शन फिल्म-मैंड्रेक

सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी-मैंड्रेक

सर्वश्रेष्ठ एडिटिंग-फिल्म, गुलाब गैंग


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