आंखों से अभिनय की गहराइयां छूते अक्षय खन्ना
जन्मदिन- 28 मार्च
जन्मस्थान- मुंबई
आंखों से अभिनय की गहराइयां छूते अक्षय खन्ना फिल्मी दुनिया में लंबे अनुभव के बाद भी स्वयं को प्रशिक्षु मानते हैं। वे कहते हैं,मेरी नजर में अभिनय एक कला है। मुझे नहीं लगता कि कोई कलाकार इस कला में पूरी तरह महारत हासिल कर सकता है। अभिनय में हर क्षण कुछ नया सीखने की गुंजाइश रहती है। मैं भी अभी सीख रहा हूं। अभिनय में एकाग्रता सीखने की मुझे बहुत जरूरत है। साथ ही, एक परफार्मर के रूप में मैं रिलैक्स रहने की भी कला सीखना चाहता हूं। अपनी शर्तो पर फिल्मी दुनिया की राह चल रहे अक्षय खन्ना स्टार अभिनेता भले ही न हों, पर उन्होंने स्वयं को अभिनय-प्रतिभा के धनी कलाकार के रूप में जरूर साबित किया है।
अक्षय के फिल्मी सफर की शुरूआत प्रभावी नहीं हो पायी थी। फिल्मी सफर के शुरूआती लम्हों में हिमालय पुत्र, कुदरत, मोहब्बत, लव यू हमेशा में दर्शकों की अस्वीकार्यता से अक्षय निराश नहीं हुए। उन्हें अपनी प्रतिभा पर यकीन था। वे बस एक अच्छे मौके की तलाश में थे। जे पी दत्ता निर्देशित बॉर्डर में उन्हें यह मौका मिल गया। बॉर्डर में संजय दत्त, सनी देओल सरीखे सितारों की मौजूदगी में भी अक्षय का अभिनय सर्वाधिक प्रभावी रहा। अब, अक्षय में बेहतरीन कलाकार की छवि देखी जाने लगी। पिता विनोद खन्ना के पुत्र की पहचान से वे बाहर निकल चुके थे। धीरे-धीरे अक्षय ने साबित कर दिया कि वे हर रस की भूमिका निभाने में सक्षम हैं। उन्होंने हलचल और हंगामा में हास्य रस की भूमिका निभायी, तो हमराज और रेस में खलनायक की भूमिका। ताल में समर्पित प्रेमी की भूमिका में भी वे खूब जंचे। गांधी माई फादर अक्षय केफिल्मी कॅरियर की सबसे उल्लेखनीय फिल्म है। इस फिल्म में हरिलाल गांधी की भूमिका में अक्षय का संवेदनशील अभिनय बेहद पसंद किया गया।
खान तिकड़ी और अक्षय कुमार जैसे स्टार अभिनेता की मौजूदगी में अक्षय खन्ना की अभिनय-प्रतिभा भले ही हाशिए पर रही हो, पर उन्हें इसका मलाल नहीं है। वे कहते हैं, मैं हमेशा अपनी इंस्टींक्ट से काम करता हूं। एक अभिनेता के रूप में स्वयं को संतुष्ट रखना ही मेरी पहली प्राथमिकता है। ..अभिनेता के रूप में मैं खुद को कुंठित नहीं करना चाहता हूं। मैं स्वयं को ऐसे एक्टर के रूप में देखता हूं जो अपना जॉब करता है और अपनी भूमिकाओं में विविधताएं ढूंढता है। हर फिल्म में अक्षय अभिनय के नए अंदाज से दर्शकों को प्रभावित करते हैं। तभी तो, उनके प्रशंसकों की सूची में सुभाष घई और प्रियदर्शन जैसे दिग्गज निर्देशकों से लेकर अनिल कपूर और प्रियंका चोपड़ा जैसे स्टार कलाकारों के नाम शामिल हैं। पिता विनोद खन्ना को अक्षय अपनी प्रेरणा और उनसे विरासत में मिली अभिनय प्रतिभा को सबसे बड़ी पूंजी मानते हैं।
विवाह की उम्र की दहलीज पर पहुंच चुके अक्षय आज तक किसी स्थायी प्रेम-संबंध में नहीं बंध सके हैं। उनके लिए अभी भी, उनका काम ही उनकी प्राथमिकता है। वे कहते हैं, बस, मैं काम करना चाहता हूं। यही, एक चीज है जो मुझे खुश रख सकती है। फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों इतना अच्छा और ज्यादा काम हो रहा है कि निजी जीवन के लिए सोचने का वक्त नहीं है।
कैरियर की मुख्य फिल्में
वर्ष - फिल्म - चरित्र
1997- मोहब्बत- रोहित मल्होत्रा
1997- हिमालय पुत्र- अभय
1997- बॉर्डर- धरमवीर
1998- डोली सजा के रखना- इंद्रजीत बंसल
1998- दहक- समीर रौशन
1998- कुदरत- विजय
1999- लव यू हमेशा- शौकत
1999- आ अब लौट चले- रोहन खन्ना
1999- लावारिस- कैप्टन दादा
1999- ताल- मानव मेहता
2001- दिल चाहता है- सिद्धार्थ सिन्हा
2002- हमराज- करन मल्होत्रा
2002- दीवानगी- राज गोयल
2003- हंगामा- जीतू
2003- एल ओ सी कारगिल- लेफ्टिनेंट बलवान सिंह
2004- दीवार- गौरांग कौल
2004- हलचल- जय
2006- 36 चाइना टाउन- चीफ इंस्पेक्टर करन
2006- शादी से पहले- आशीष खन्ना
2006- आपकी खातिर- अमन मेहरा
2007- सलाम-ए-इश्क- शिवन
2007- नकाब- विक्की मल्होत्रा
2007- गांधी माई फादर- हरिलाल गांधी
2007- आ जा नचले- राजा उदय सिंह
2008- रेस- राजीव सिंह
2008- मेरे बाप पहले आप- गौरव राणे
2009- शॉर्टकट- शेखर
आने वाली फिल्में- नो प्रॉब्लम।
-सौम्या अपराजिता
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