विधानसभा चुनाव: 72 घंटे में भी नहीं मिल रही अनुमति
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आरोप लगाया कि संभागीय परिवहन अधिकारी पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं और 72 घंटे में भी अनुमति प्रदान नहीं कर रहे हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भाजपा नेताओं की मानें तो प्रचार वाहनों के लिए संभागीय परिवहन कार्यालय देहरादून से प्रमाणपत्र प्राप्त करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि संभागीय परिवहन अधिकारी पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं और 72 घंटे में भी अनुमति प्रदान नहीं कर रहे हैं, जबकि 24 घंटे में अनुमति प्रदान करने की बात कही गई थी। इस मामले में भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही पांच अन्य बिंदुओं पर भी भाजपा ने शिकायत पत्र दिए।
सोमवार को भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी से मिला। भाजपा के प्रदेश प्रमुख चुनाव आयोग संपर्क पुनीत मित्तल और प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में लगाए जाने वाले प्रचार वाहनों के लिए निर्वाचन विभाग से अनुमति लेने से पूर्व संबंधित संभागीय परिवहन अधिकारी से मोटर वाहन अधिनियम के अनुपालन का प्रमाण पत्र लेना होता है, लेकिन संबंधित अधिकारी इसके लिए चक्कर कटवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 30 वाहनों में से 72 घंटे बाद केवल आठ वाहनों के अनुमति मिल पाई है।
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पदोन्नति के बाद भी डटे अधिकारी
भाजपा ने हरिद्वार, पौड़ी और देहरादून में तैनात जिलाधिकारियों की पदोन्नति प्रभारी सचिव पदों पर होने के बावजूद इन्हें स्थानांतरित नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सीईओ से अनुरोध किया कि आचार संहिता के अनुपालन में इन अधिकारियों को संबंधित पदोन्नत पदों पर पदस्थापित किया जाए। इसके साथ ही आबकारी आयुक्त की तैनाती पर भी भाजपा ने सवाल उठाए।
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उन्होंने कहा कि वे सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। इससे चुनाव प्रभावित हो सकता है। इसके साथ ही हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और देहरादून, पौड़ी आदि जिलों में आबकारी विभाग में कांग्र्रेस के एक मंत्री के परिवार के व्यक्तियों की तैनाती की गई। इन सभी के स्थानांतरण की मांग भाजपा ने की।
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अभियंता ने लिया प्रचार में हिस्सा
भाजपा ने सीईओ के सामने कहा कि हरिद्वार जल निगम में तैनात एक अभियंता एक पूर्व विधायक के साथ प्रचार कर रहे हैं। यह साफतौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है।
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वापस हों दर्जाधारियों के वाहन
भाजपा ने सीईओ को दी शिकायत में कहा कि कहा कि कांग्र्रेस ने चुनाव से ठीक पहले कुछ निगमों और अन्य संस्थाओं के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों को दर्जा देते हुए सरकारी वाहन मुहैया कराए थे। आचार संहिता लागू होने के बाद ये वाहन वापस किए जाने चाहिए थे, लेकिन कई दर्जाधारी अभी भी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही संसदीय सचिव द्वारा दो-दो सरकारी आवासों के इस्तेमाल की जानकारी भी भाजपा ने दी।
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प्रचार सामग्री की दरें हो कम
भाजपा ने प्रचार सामग्री की दरों को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बाजार से तीन गुणा तक दरें जिला निर्वाचन अधिकारियों ने तय की हैं। इससे प्रचार सामग्र्री से लेकर खाद्य सामग्री तक लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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होगी कार्रवाई: सीईओ
भाजपा की तमाम मांगों पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की पदोन्नति के मामले में राज्य शासन से जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही अन्य सभी मांगों पर भी समीक्षा कराकर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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