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विधानसभा चुनाव 2017: डैमेज कंट्रोल में जुटे हरीश रावत

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर उपजे असंतोष के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। नाराजगी दूर करने को नायाब तरीका निकाला।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2017 07:10 AM (IST)
विधानसभा चुनाव 2017: डैमेज कंट्रोल में जुटे हरीश रावत
विधानसभा चुनाव 2017: डैमेज कंट्रोल में जुटे हरीश रावत

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर उपजे असंतोष के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम सोशल साइट्स, फोन पर मार्मिक अंदाज में ऑडियो अपील जारी कर 'बीती ताही बिसार के, आगे की सुध लेय', की तर्ज पर पार्टी उम्मीदवारों के साथ ताकत से खड़ा होने को कहा है। पार्टी में जिन लोगों को टिकट नहीं मिल सके, उनसे क्षमा मांगी गई है।

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प्रदेश में कांग्रेस की नैया के खेवनहार मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टिकट वितरण के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए नायाब तरीका निकाला। बूथ स्तर से लेकर विभिन्न स्तरों पर कार्यकर्ताओं तक उनकी बात पहुंचे, इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया और मोबाइल फोन का सहारा लिया है।

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टिकट बांटने में वैसे भी कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को पूरी छूट दी, लिहाजा डैमेज कंट्रोल के लिए केंद्रीय नेतृत्व के बजाए वह ही मशक्कत करते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को टिकट नहीं मिला, उन्हें ठेस पहुंची होगी। टिकट वितरण में कई तरह के सामंजस्य व समन्वय रखने पड़ते हैं। इस समय बड़ी लड़ाई है।

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सीएम हरीश रावत ने कहा कि भाजपा जैैसी सांप्रदायिक ताकतें कांग्रेस को नेस्तनाबूद करना चाहती हैं। पार्टी को उनसे बचाना होगा। इस वक्त लोकतंत्र के साथ ही विकास को बचाने की लड़ाई भी है, इसे कार्यकर्ताओं के बिना नहीं लड़ा जा सकता।

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हरीश रावत ने अपनी अपील में वर्ष 2000 में उनके साथ पार्टी से जुड़ने वालों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस वक्त कई लोग चुनाव जीत सकते थे, लेकिन उन्हें तब से आज तक टिकट नहीं मिला।

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कुछ नए साथी भी पार्टी से जुड़े, योग्यता के बावजूद उन्हें भी टिकट नहीं दिया जा सका। इसके लिए वह हृदय की गहराई से क्षमाप्रार्थी हैं। उन्होंने सभी से रंज, गम, दुख और ज्यादती को भूलकर पार्टी उम्मीदवारों के साथ खड़ा होने और पार्टी को जिताने की अपील भी की।

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सीएम हरीश रावत ने भरोसा दिलाया कि वह भविष्य में पार्टी के भीतर और सरकार में अवसर पैदा करने का काम करेंगे।

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उधर, मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ टिकट नहीं मिलने से खफा नेताओं को मनाने देर शाम हरिद्वार पहुंचे।

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि हरिद्वार में सतपाल ब्रहमचारी, पुरुषोत्तम शर्मा और संजय पालीवाल ने लिखित में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में काम करने की बात कही है। हरिद्वार के बाद मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रात्रि करीब नौ बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे।

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वहां उन्होंने बंद कमरे में गुफ्तगू भी की। उन्होंने टिहरी से किशोर उपाध्याय को प्रत्याशी की मांग को लेकर धरने पर डटे कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश भी की।

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