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यूपी विधानसभा चुनाव: यहां सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई कांग्रेस

2012 के चुनाव जिले की 10 सीटों पर कांग्रेस को बसपा से भी कम वोट मिले। कुल 17,08,397 वोट पड़े थे। इनमें कांग्रेस को जहां 19.58 फीसद वोट मिले तो बसपा को इससे कहीं ज्यादा मत मिले।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 12:28 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव: यहां सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई कांग्रेस
यूपी विधानसभा चुनाव: यहां सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई कांग्रेस

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर शहर कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है। अब कांग्रेस यहां एक विधानसभा सीट पर सिमट कर रह गई है। इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सीटों की संख्या बढ़ाने और पिछले चुनाव में जीती गई सीटों को बचाए रखने की कोशिश में जुट गई है। हालांकि इस बार समाजवादी पार्टी से गठबंधन हो गया है, ऐसे में देखना है कि उसे कितनी सीटी मिलती हैं।

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कांग्रेस से बुरी स्थिति में यहां बहुजन समाज पार्टी है। बसपा ने 2007 के चुनाव में तीन सीटें जीती थीं, पर 2012 के चुनाव में उसे सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। अगर कांग्रेस के इतिहास पर नजर डालें तो 1985 में सरसौल को छोड़ कांग्रेस ने यहां की नौ सीटों पर कब्जा किया था।

1989 में जनता दल की लहर में कांग्रेस के पांव उखड़ गए। पार्टी बुरी तरह हारी। 1991 में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था। इस हार से भी पार्टी ने सबक नहीं लिया और फिर 1993 के चुनाव में भी कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। एक भी सीट कांग्रेस को नहीं मिली। 1996 का चुनाव भी कांग्रेस के लिए सुखद नहीं रहा।

साल 2012 में कौन कहां से जीता

सीट पार्टी जीते
बिल्हौर समाजवादी पार्टी अरुणा कोरी
बिठूर समाजवादी पार्टी मुनींद्र शुक्ल
घाटमपुर समाजवादी पार्टी इंद्रजीत कोरी
कल्याणपुर समाजवादी पार्टी सतीश निगम
सीमामऊ समाजवादी पार्टी इरफान सोलंकी
गोविंदनगर भारतीय जनता पार्टी सत्यदेव पचौरी
महराजपुर भारतीय जनता पार्टी सतीश महाना
आर्यनगर भारतीय जनता पार्टी सलिल विश्नोई
कैंट भारतीय जनता पार्टी रघुनंदन भदौरिया
किदवई नगर कांग्रेस पार्टी अजय कुमार

2002 से खिलने लगे कांग्रेसियों के चेहरे
साल 2002 में सीसामऊ सीट पर संजीव दरियावादी ने जीत दर्ज की थी तो गोविंदनगर में अजय कपूर ने कांग्रेस का झंडा बुलंद किया। 2007 का चुनाव भी कांग्रेस के लिए अच्छा था। पार्टी ने सीसामऊ और गोविंदनगर सीट पर फिर परचम फहराया। 2012 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अजय कपूर को ही मतदाताओं ने किदवईनगर सीट से विधानसभा भेजा, जबकि सीसामऊ सीट से हार का सामना करना पड़ा। अन्य सीटों पर भी कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं रही।

10 सीटों पर किसे कितने वोट मिले

पार्टी मिले कुल वोट
समाजवादी पार्टी 4,60,393
भारतीय जनता पार्टी 4,41,548
बहुजन समाज पार्टी 3,81,470
कांग्रेस पार्टी 3,34,548
अन्य 90,438
कुल मत पड़े 17,08,387

बसपा से भी कम वोट मिले
गौरतलब है कि 2012 के चुनाव जिले की 10 सीटों पर कांग्रेस को बसपा से भी कम वोट मिले। कुल 17,08,397 वोट पड़े थे। इनमें कांग्रेस को जहां 19.58 फीसद वोट मिले तो बसपा को इससे कहीं ज्यादा मत मिले। हालांकि अधिक वोट पाकर भी बसपा यहां एक भी सीट नहीं जीत सकी। सपा ने पांच और भाजपा ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब इस बार सभी दलों ने अपना वोट फीसद बढ़ाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है।

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