यूपी चुनावः पांचवें चरण की 51 सीटों के लिए थम गया चुनाव प्रचार का शोर
यूपी विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण का प्रचार शनिवार को शाम पांच बजे थम गया। अब तराई और पूर्वी क्षेत्र में 11 जिलों की 51 सीटों पर 27 फरवरी को वोट डाले जाने हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। 17वीं विधानसभा के गठन को पांचवें चरण का प्रचार शाम पांच बजे थम गया। तराई और पूर्वी क्षेत्र में 11 जिलों की 51 सीटों पर 27 फरवरी को वोट डाले जाने हैं। प्रदेश सरकार के नौ मंत्रियों सहित कुल 618 उम्मीदवार मैदान में हैं। अमेठी, सुलतानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती और संत कबीरनगर मतदान वाले जिले हैं। यहां करीब 96 लाख महिलाओं सहित एक करोड़ 84 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रहे हैं।
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सपा का गढ़, कांग्रेस की साख दांव पर
पिछले विधानसभा चुनाव में अलापुर क्षेत्र को मिलाकर कुल 52 सीटों में से 37 पर सपा ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा भाजपा व कांग्रेस को पांच- पांच, बसपा को तीन तथा पीस पार्टी ने दो सीटों पर कब्जा किया था। बलरामपुर, सुलतानपुर, श्रावस्ती व अंबेडकरनगर में सपा सभी सीटों पर काबिज हुई थीं। इस चरण में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र अमेठी भी आता है। यहां अखिलेश यादव सरकार के विवादित कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के मुकाबिल कांग्रेस सांसद व राजघराने से ताल्लुक रखने वाले संजय सिंह की दो पत्नियां भी मैदान में हैं। जिसमें गरिमा सिंह को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस के टिकट पर अमिता सिंह चुनावी जंग में है।
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मंत्रियों का इम्तिहान
पांचवें चरण में अखिलेश सरकार के जिन मंत्रियों का इम्तिहान होगा, उसमें अमेठी सीट पर गायत्री प्रसाद प्रजापति, अकबरपुर से राममूर्ति वर्मा, तरबगंज क्षेत्र से विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद, अयोध्या से पवन पांडेय, जलालपुर से शंखलाल मांझी, मटेरा सीट पर यासर शाह, महादेवा सुरक्षित क्षेत्र से रामकरन आर्य तथा गैंसडी सीट से एसपी यादव को फिर से जनादेश पाना होगा। पांचवें चरण में 52 सीटों पर वोट डाले जाने थे परंतु अंबेडकरनगर में अलापुर क्षेत्र पर सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर कनौजिया की मृत्यु के कारण निर्वाचन आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया था। यहां नौ मार्च को मतदान होगा।
दिग्गजों की साख का सवाल
पांचवें चरण में बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, पीस पार्टी मुखिया अय्यूब, भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण सिंह, पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह व योगेश प्रताप सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नजदीकी उमेश्वर पांडेय और बसपा सरकार में मंत्री रहे लालजी वर्मा जैसे नेताओं के भाग्य का फैसला होगा।