Move to Jagran APP

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में गुलाबी रंग के बैलट पेपर्स को लेकर विवाद

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि गुलाबी रंग के बैलट पेपर का इस्तेमाल न करने का अनुरोध किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 12:17 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 12:17 PM (IST)
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में गुलाबी रंग के बैलट पेपर्स को लेकर विवाद
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में गुलाबी रंग के बैलट पेपर्स को लेकर विवाद

हैदराबाद, (प्रेट्र )। गुलाबी रंग को अक्सर महिलाओं से जोड़कर देखा जाता है लेकिन तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए इस्तेमाल की जानी वाली पर्चियों के गुलाबी रंग को लेकर विवाद हो गया है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 8 दिसंबर को मतदान होना है । चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीन पर चिपकाए जाने वाले बैलट पेपर्स के लिए गुलाबी रंग के बैलट पेपर के इस्तेमाल को जारी रखने का फैसला किया है।

loksabha election banner

चुनाव आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति दर्ज की है। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने गुलाबी रंग के बैलट पेपर के इस्तेमाल पर आपत्ति उठाने की वजह तेलंगाना राष्ट्रीय समिति पार्टी का चुनाव चिन्ह गुलाबी रंग का है। तेलंगाना राष्ट्रीय समिति अपनी सभी प्रचार सामग्री गुलाबी रंग का इस्तेमाल करती है। टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव सहित तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के सभी नेता गले में गुलाबी रंग का स्कार्फ़ पहनते हैं।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि गुलाबी रंग के बैलट पेपर का इस्तेमाल न करने का अनुरोध किया है। कांग्रेस कहना है कि गुलाबी रंग के बैलट पेपर का इस्तेमाल मतदाताओं को टीआरएस के पक्ष में प्भावित कर सकता हैं। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष दासजु श्रवण ने चुनाव आयोग पर कटाक्ष करते हुए उस कहा है कि 'चुनाव आयोग गुलाबी रोग से पीड़ित है। उन्होंने कहा की हमारे तमाम विरोध के बावजूद चुनाव आयोग गुलाबी रंग के बैलट पेपर के इस्तेमाल पर कायम है। इससे टीआरएस को फायदा पहुंचेगा। इस पूरे विवाद पर तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी रजत कुमार के मुताबिक चुनाव आयोग केवल ईवीएम पर चिपकाए जाने वाले बैलट पेपर के लिए गुलाबी रंग के बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

वोटर स्लिप के लिए सफ़ेद रंग की पर्चियों का इस्तेमाल किया जाएगा। जो कि रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपुल एक्ट के अनतर्गत है। ईवीएम पर चिपकाए जाने वाले बैलट पेपर का रंग बदलने के लिए ‘रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपुल एक्ट’ में संशोधन करना पड़ेगा। टीआरएस के सांसद विनोद कुमार के मुताबिक गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है इसलिए टीआरएस ने इस रंग का चुनाव किया है। विनोद कुमार ने कहा की जो लोग बैलट पेपर का रंग बदलना चाहते हैं ,उन्हें ये सवाल देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू से सवाल पूछना चाहिए। 1952 में उनकी सरकार ने ही लोकसभा चुनाव के लिए सफ़ेद और विधानसभा चुनाव के लिए गुलाबी बैलट पेपर्स का इस्तेमाल का फैसला किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.