वसुंधरा के खिलाफ गहलोत का बिगुल, महंगाई, भ्रष्टाचार और उपेक्षा को बनाया मुद्दा
Rajasthan Assembly Election 2018. अशोक गहलोत ने पर्चा दाखिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के खिलाफ बिगुल बजा दिया।
जोधपुर, आनन्द राय। राजस्थान विधानसभा चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को एकादशी का शुभ मुहूर्त था। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत जोधपुर जिले के सभी कांग्रेसी उम्मीदवारों ने नामांकन के लिए इसी मुहूर्त को चुना। गहलोत ने सोमवार को जोधपुर जिले की सरदारपुरा सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। सादगी के साथ जोधपुर कलेक्ट्रेट आए गहलोत ने पर्चा दाखिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के खिलाफ बिगुल बजा दिया।
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद गहलोत ने कलेक्ट्रेट के थोड़ी दूरी पर आयांजित जनसभा को संबोधित किया और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा किया। वह वसुंधरा पर जमकर बरसे। गहलोत ने रविवार को ही जोधपुर में डेरा जमा दिया और उन्होंने पूरे मारवाड़ में कांग्रेस की गूंज पैदा की। रविवार की देर रात तक वह समर्थकों के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन करते रहे। सोमवार की सुबह कांग्रेस कार्यालय से होकर सरदारपुरा, रतनाणा, सोजती गेट, घंटाघर, हाथीराम ओड़ा, मेरती गेट होते हुए वह कचहरी में नामांकन पहुंचे थे। नामांकन के लिए अंदर वह सादगी से केवल एक गाड़ी से गए और बाकी समर्थक पीछे रह गए थे।
गहलोत का राजस्थान में अपना प्रभाव है लेकिन, मारवाड़ क्षेत्र की सियासत उन्हीं के इर्द-गिर्द चलती है। इन दिनों कांग्रेस की राजनीति में राजस्थान में गहलोत और सचिन पायलट की खेमेबंदी की भी बात चलती है परंतु जोधपुर के ज्यादातर कांग्रेसी उम्मीदवारों पर गहलोत का ही वरदहस्त है। भाजपा ने गहलोत के खिलाफ शंभू सिंह खेतासर को मैदान में उतारा है। खेतासर को गहलोत पिछली बार पराजित कर चुके हैं। वह 1999 से लगातार सरदारपुरा से चुनाव जीत रहे हैं। इसी जिले की सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन के बाद कांग्रेस के प्रोफेसर अयूब खान ने भरोसा जताया कि कांग्रेस इस बार रिकार्ड बनाएगी और सरकार बनाएगी। उधर, लूणी में कांग्रेस के महेंद्र विश्नोई, ओसियां से दिव्या मदेरणा ने भी पर्चा दाखिल कर दिया।
महंगाई, भ्रष्टाचार और उपेक्षा को बनाया मुद्दा
केंद्र की राजनीति में अशोक गहलोत के सक्रिय होने से यह अटकलें थी कि वह इस दफा विधानसभा की सियासत से दूर रहेंगे। उम्मीदवारी तय होते ही यह अटकल खारिज हो गई थी लेकिन, गहलोत ने भी जोर देकर कहा कि वह राजस्थान की राजनीति से दूर जाने वाले नहीं हैं। उन्होंने वसुंधरा राजे पर हमला बोला। कहा कि मुख्यमंत्री ने जोधपुर की उपेक्षा कर मेरा अपमान किया। जनता उन्हें इसका सबक सिखाएगी। सभा में गहलोत पूरी तरह वसुंधरा पर ही हमलावर रहे।
जोधपुर की उपेक्षा का गहलोत का मुद्दा असर दिखा रहा है। राजस्थान हाईकोर्ट की अधिवक्ता रुचि परिहार कहती हैं कि कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए क्योंकि जोधपुर का विकास कांग्रेस की सरकार ने ही किया है। हालांकि सरदारपुरा से निर्दल चुनाव लड़ रहे देवेंद्र कुमार मंगल विनायकिया कहते हैं कि कांग्रेस और भाजपा ने विकास की राह रोक दी है। पर, जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच विकास के सवाल पर गहलोत की ही वकालत करते हैं। वह गहलोत के प्रस्तावक भी बने हैं।