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कमाल: पठानकोट के सीमावर्ती इलाकों के लोग दो राज्‍यों में डालते हैं वोट, जानें क्‍या है कारण?

पंजाब के पठानकोट जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में काफी संख्‍या में लोग पंजाब व जम्‍मू कश्‍मीर दाेनोें राज्‍यों में वोट डालते हैं। इनके नाम दोनों राज्‍यों की मतदाता सूचियों में हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 11:15 AM (IST)
कमाल: पठानकोट के सीमावर्ती इलाकों के लोग दो राज्‍यों में डालते हैं वोट, जानें क्‍या है कारण?
कमाल: पठानकोट के सीमावर्ती इलाकों के लोग दो राज्‍यों में डालते हैं वोट, जानें क्‍या है कारण?

पठानकोट, [सुरिंदर महाजन]। जाली और डबल वोटिंग रोकने के लिए चुनाव आयोग ने वोटर आइडी कार्ड और फोटो वाली मतदाता सूचियों की व्यवस्था की है। लेकिन मतदाताओं के लालच और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरहदी इलाकों में आज भी कई लोगों की डबल वोट बनी हुई है। ऐसे लोग पंजाब व जम्मू-कश्मीर सीमा के आसपास हैैं और दोनों प्रदेशों में वोट डालते हैैं। गांव के सरपंच व अधिकारियों को भी पता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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कई गांवों के लोगों की वोट जम्मू-कश्मीर व पंजाब दोनों राज्यों में

ब्लाक नरोट जैमल सिंह, विधानसभा क्षेत्र भोआ के कई गांवों में लोगों की डबल वोट बनी हुई है। इस इलाके में पड़ते गांव खडख़ड़़ा ठूठोवाल, अंबी खडख़ड़ा, नक्की, जनिआल आदि के कई लोगों की वोट पंजाब में भी है और जम्मू-कश्मीर में भी है। जम्मू में इनकी वोट गांव नगरी मीरपुर, परोल, मोहल्ला राजपूतां आदि में भी बनी हुई हैं। ये लोग जब पंजाब में मतदान होता है तो पंजाब में वोट डालते हैं और जब जम्मू-कश्मीर में मतदान होता है तो वहां भी वोट देते हैैं। ये लोग दोनों प्रदेशों की स्कीमों का भी लाभ लेते हैैं।

ऐसे लोग दोनों राज्यों में वोट डालते हैैं और सरकारी स्कीमों का लेते हैं फायदा

गांव खडख़ड़ा ठूठोवाल की दस फीट चौड़ी सड़क पंजाब व जम्मू-कश्मीर को जोड़ती है। लोगों ने बताया कि एक पिता के तीन पुत्र हैैं जिनमें दो उस तरफ बसते हैैं और एक इस तरफ। गांव नक्की के विजय राणा ने कहा कि यहां करीब हरेक रसूखदार व्यक्ति की वोट दोनों राज्यों में बनी हुई है। इसके बारे में सभी को पता है लेकिन वोट बैैंक के चक्कर में कोई भी सरकार कार्रवाई नहीं करती है।

सरपंच भी करते हैैं स्वीकार

गांव अंबी खडख़ड़ा के सरपंच बोधराज ने माना कि लोगों की वोट दोनों तरफ बनी हुई है। गांव नक्की नडौली के पूर्व सरपंच बख्शीश सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रशासन के ध्यान में यह मामला लाया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। गांव की सरपंच गुलशन कुमारी ने बताया कि गांव का एक तिहाई क्षेत्रफल जम्मू -कश्मीर में पड़ता है, जबकि बाकी पंजाब में है।

सरपंच के साथ में बैठे उनके पति पूर्व फ़ौजी कैप्टन राम लाल ने बताया कि वह ऐसे वोटरों की सूची तैयार कर रहे हैं जो रहते तो जम्मू में हैैं लेकिन वोट पंजाब में डालते हैैं और यहां की स्कीमों का लाभ लेते हैैं।  उन्होंने सबूत के तौर पर करीब 47 वोटरों की सूची भी दिखाई। उन्होंने कहा कि वोट को आधार के साथ जोड़कर इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।

डबल वोट रद की जा रही : डीसी

पठानकोट के डिप्टी कमिश्नर रामवीर का कहना है कि डबल वोट रद की जा रही है। डबल वोट बनवाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है, इसके बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।

अधिकारी ने झाड़ लिया पल्ला

रिटर्निंग अधिकारी व अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) के कार्यालय द्वारा ऐसे मामलों की जांच के बाद चुनाव अधिकारी व उच्च अधिकारी को कार्रवाई की सिफारिश भी की गई थी। पिछले साल 4 अक्टूबर को जारी पत्र में लिख दिया गया कि आरोपी जम्मू-कश्मीर के निवासी हैैं, इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

डबल वोट नहीं बन सकते हैं : सीईओ

जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) शैलेंद्र ने कहा कि डबल वोट नहीं बन सकता है। सॉफ्टवेयर इसको उठाता ही नहीं। यह सॉफ्टवेयर पहले फोटो की पहचान करता है। अगर दोहरी फोटो हो तो वह आगे चलता ही नहीं। उसके बाद डाटा का भी वेरीफिकेशन करता है। फिर भी यदि ऐसा कोई मामला है तो उसे विभाग की साइट पर जाकर चेक किया जा सकता है। फिलहाल उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर किसी ने डबल वोट बनवाया है तो उनके पास दस्तावेज पहुंचा दिए जाएं। फोन पर इससे ज्यादा कुछ नहीं कहते हैैं।


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