Move to Jagran APP

MP Election 2018: इंदौर जिले के 725 बूथों पर महिलाएं कराएंगी मतदान

MP Election 2018 यहां पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी-1, 2 और 3 और बीएलओ सभी महिलाएं होंगी।

By Rahul.vavikarEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 07:41 AM (IST)
MP Election 2018: इंदौर जिले के 725 बूथों पर महिलाएं कराएंगी मतदान
MP Election 2018: इंदौर जिले के 725 बूथों पर महिलाएं कराएंगी मतदान

इंदौर (जितेंद्र यादव)। आधी आबादी के मन से चुनाव कराने का डर बाहर निकालने और चुनाव को सरल-सुगम बनाने के लिए विधानसभा चुनाव में इस बार भारत निर्वाचन आयोग 'लेडीज फर्स्ट" की राह पर चल रहा है। जिले में लगभग 725 ऐसे मतदान केंद्र चिन्हित किए गए हैं जिनकी कमान महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ रहेगी। यहां पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी-1, 2 और 3 और बीएलओ सभी महिलाएं होंगी। पूरे प्रदेश में इन महिला केंद्रित मतदान केंद्रों की सर्वाधिक संख्या इंदौर जिले में है।

loksabha election banner

इन बूथों को ऑल वुमन पोलिंग बूथ नाम दिया गया है। साथ ही आधी महिलाएं और आधे पुस्र्ष कर्मचारियों वाली पोलिंग पार्टी भी बनाई गई हैं जिन्हें हाईब्रिड बूथ नाम दिया गया है। इंदौर में हाईब्रिड बूथ की संख्या भी 466 है जो प्रदेश में सर्वाधिक है। इंदौर में इतनी बड़ी तादाद में महिला बूथ बनाने का कारण यह भी है कि यहां शासकीय विभागों और दफ्तरों में महिला अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है।

आयोग की यह कवायद महिला कर्मचारियों के मन से चुनाव का डर निकालने और उन्हें लोकतंत्र में अधिक से अधिक भागीदार बनाने के लिए की जा रही है। इन पोलिंग बूथों पर वोट डालने आने वाले मतदाताओं में महिला मतदाताओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वे पहले वोट डालकर घर जा सकें। यही नहीं, मतदान केंद्र पर स्तनपान कक्ष भी बनाया जाएगा। अपने दुधमुंहे बच्चों को साथ लेकर वोट डालने आने वाली महिलाएं इस कक्ष में बैठकर स्तनपान करा सकेंगी।

कोशिश यहां तक है कि इन मतदान केंद्रों पर सुरक्षा अधिकारी व कर्मचारी भी महिलाओं को ही तैनात किया जाए, हालांकि यह उपलब्ध फोर्स को देखते हुए तय किया जाएगा। निर्वाचन की जिम्मेदारी देख रही अपर कलेक्टर निधि निवेदिता के मुताबिक महिला कर्मचारियों के लिहाज से यह बहुत सकारात्मक प्रयोग है। इससे महिलाओं को चुनाव कराने में सुगमता होगी।

इसलिए यह प्रयोग कर रहा चुनाव आयोग

- मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टी को एक दिन पहले पहुंचना पड़ता है। मतदान केंद्र पर ही रात रुककर इंतजाम करना पड़ते हैं। इसमें ईवीएम पीठासीन अधिकारी की कस्टडी में रहती है, इसलिए मतदान केंद्र पर उनका रात रुकना अनिवार्य होता है।

- यदि महिला पीठासीन अधिकारी के साथ पी-1, पी-2 और पी-3 पुस्र्ष हों तो उनके साथ मतदान केंद्र पर एक दिन पहले पहुंचकर रात रुकने में असहज महसूस करती हैं। ऐसा महिलाओं से संबंधित सुविधाओं की कमी और सुरक्षा कारणों से भी होता है।

- पी-1, पी-2 या पी-3 सुविधा अनुसार मतदान केंद्र पर रात स्र्कना जरूरी नहीं, इसलिए इन पदों पर नियुक्त महिला अधिकारी या कर्मचारी घर जा सकती हैं। हाईब्रिड बूथ इसलिए भी बनाए गए हैं।

- पोलिंग पार्टी में सभी महिलाएं होंगी तो वे साथ रहने में सहज महसूस करेंगी। ऐसे केंद्रों पर बाथरूम, शौचालय, भोजन आदि सुविधाएं महिलाओं को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।

मतदान केंद्रों की तीन श्रेणी

- पहले वे मतदान केंद्र जहां पोलिंग पार्टी के सभी सदस्य पुस्र्ष होंगे।

- दूसरे वे मतदान केंद्र जहां पोलिंग पार्टी के सदस्यों में आधी महिलाएं होंगी। ऐसे बूथों को हाईब्रिड बूथ नाम दिया गया है।

- तीसरे वे मतदान केंद्र जिसमें सभी महिलाएं होंगी। इन बूथों को ऑल वुमन पोलिंग बूथ नाम दिया गया है।

फैक्ट फाइल

ऑल वुमन पोलिंग बूथ

जिला            बूथ

इंदौर              725

उज्जैन           390

देवास            175

रतलाम          100

झाबुआ            55

मंदसौर            20

खंडवा             16

धार                13

नीमच             15

बड़वानी           18

खरगोन             9

आलीराजपुर       2


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.