MP Chunav 2018: स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह के मामले को लेकर फंसी पुलिस
MP Chunav 2018 सिंह के खिलाफ जो धाराएं लगाई हैं, उनमें भादंवि की एक धारा गलत लग गई है।
मुरैना। स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह पर दर्ज मामले को लेकर पुलिस खुद को फंसा हुआ महसूस कर रही है। ऐसे में न तो पुलिस श्री सिंह की गिरफ्तारी कर पा रही है और न ही मामले को आगे ही बढ़ा पा रही है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो प्रकरण में पुलिस ने स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा प्रत्याशी श्री सिंह के खिलाफ जो धाराएं लगाई हैं, उनमें भादंवि की एक धारा गलत लग गई है। यही धारा ऐसी है, जो अपराध को संज्ञेय बनाती है और इस धारा में उनकी गिरफ्तारी जरूरी होती है।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन के प्रतिवेदन के आधार पर नूराबाद पुलिस ने रुस्तम सिंह के खिलाफ ब्राह्मण वर्ग के खिलाफ बोलने पर जनप्रतिनिनिधित्व कानून की धारा 123 (3ए) व आईपीएसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन इस मामले में गिरफ्तारी नहीं की। कानून विशेषज्ञों के मुताबिक जाति विशेष के खिलाफ नुकसान पहुंचाने की टिप्पणी करने पर आईपीसी की धारा 153ए में मामला दर्ज किया जाता है।
चूंकि पुलिस को जो वीडियो मिला है, उसमें वर्ग विशेष को नुकसान पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं है। साथ ही वीडियो की प्रमाणिकता के लिए लैब रिपोर्ट लगती है। पुलिस यही प्रमाणपत्र नहीं ले पाई है। इसके अलावा कोई व्यक्ति सीधे गवाह के तौर पर भी नहीं आया है। ऐसे में पुलिस जांच के दौरान धारा 153ए को आगामी दिनों में हटा सकती है। इस धारा के हटने के बाद मामला एफआईआर लायक नहीं रह जाएगा।
यानी इस मामले में पुलिस न्यायालय में इस्तिगाशा पेश करेगी। इसके बाद न्यायालय नोटिस जारी करता है। ऐसे में सिंह की गिरफ्तारी ही नहीं होगी। अब पुलिस को समझ में यह नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। धारा को हटाए या फिर श्री सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करे। इसलिए पुलिस इस मामले में कोई एक्शन नहीं ले पा रही है।
इनका कहना है
मामला प्रशासन के प्रतिवेदन के आधार पर मामला दर्ज किया है। पुलिस जांच के दौरान धाराओं को बढ़ा भी सकती है और हटा भी सकती है। अभी मामले की जांच चल रही है। जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा।
अनुराग सुजानिया, एएसपी, मुरैना