Move to Jagran APP

MP में 34 लाख किसानों को मिलेगी 35 से 38 हजार करोड़ की कर्ज माफी

सरकारी कर्मचारी और आयकरदाता कर्जमाफी के दायरे से रहेंगे बाहर। सहकारी बैंक लगभग 16 हजार करोड़ रुपए करेंगे माफ

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 07:46 AM (IST)
MP में 34 लाख किसानों को मिलेगी 35 से 38 हजार करोड़ की कर्ज माफी
MP में 34 लाख किसानों को मिलेगी 35 से 38 हजार करोड़ की कर्ज माफी

भोपाल। प्रदेश के 34 लाख से ज्यादा किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिलेगा। इसमें 35 से लेकर 38 हजार करोड़ रुपए की माफी होगी। सहकारी बैंक लगभग 16 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ करेंगे। वहीं, सरकारी कर्मचारी और आयकरदाता कर्ज माफी के दायरे से बाहर रखे जाएंगे।

loksabha election banner

कर्ज माफी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी बनाई गई है, जो योजना का क्रियान्वयन देखेगी। वहीं, कर्ज माफी से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। ऐसी ही कमेटी जिला स्तर पर भी बनेगी। कर्ज माफी एक अप्रैल 2007 के बाद से 31 मार्च 2018 के बीच में लिए कर्ज पर लागू हो सकती है। इस अवधि को लेकर फैसला कैबिनेट करेगी।

सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि करीब 16 हजार करोड़ रुपए का कर्ज जिला सहकारी केंद्रीय बैंक माफ करेंगे। इसमें लगभग आठ हजार करोड़ रुपए कालातीत भी माफ हो गया। सहकारी बैंकों की कर्जमाफी के दायरे में 17 लाख से ज्यादा किसान आएंगे। बाकी राशि और किसान राष्ट्रीयकृत बैंकों के हितग्राही हैें।

सिर्फ एक बैंक का माफ होगा कर्ज

सूत्रों का कहना है कि एक बैंक से डिफाल्टर होने के बाद दो-तीन बैंक से कर्ज लेने वाले किसान का सिर्फ एक बैंक का कर्ज माफ होगा। इसमें प्राथमिकता में सहकारी बैंकों को रखा जाएगा। ऐसे हितग्राहियों की संख्या 3-4 लाख हो सकती है।

छोटे और मझौले किसानों को ज्यादा फायदा

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छोटे और मझौले किसानों को इस कर्ज माफी योजना का सबसे ज्यादा फायदा होगा। 25 से लेकर 60 हजार रुपए तक के सबसे ज्यादा कर्ज माफ होंगे। दो लाख रुपए कर्ज माफी की अधिकतम सीमा रहेगी। इसके ऊपर यदि किसान पर कर्ज रहता है तो वो उसे चुकाना होगा।

बैंकों को आंध्रप्रदेश के मॉडल पर मिलेगी रकम

बताया जा रहा है कि बैंक तो किसानों के कर्ज के आगे शून्य लिख देंगे पर बैंकों को सरकार को राशि देनी होगी। इसके लिए आंध्रप्रदेश का मॉडल अपनाया जा सकता है। इसमें बैंक को सरकार पांच साल में ब्याज सहित राशि चुकाती है। इसके अलावा बैंकों से कालातीत राशि को लेकर समझौता बैठक होगी।

दरअसल, बैकिंग सिस्टम में कालातीत कर्ज को समझौता करके वसूल किया जाता है। मध्य प्रदेश में सरकार मुख्यमंत्री ऋण समझौता योजना और अपेक्स बैंक एकमुश्त समझौता योजना लागू कर चुके हैं। सामान्यत: ऐसे कर्ज की वसूली में 40 से लेकर 60 फीसदी तक छूट मिल जाती है।

जून में राहुल गांधी ने की थी घोषणा इसलिए मार्च तक होगी माफी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जून 2018 में मध्यप्रदेश के मंदसौर में सभा के दौरान कर्ज माफी की घोषणा की थी। सूत्रों का कहना है कि कर्ज चुकाने की मियाद सहकारी बैंकों में 30 जून और 30 सितंबर रहती है। ऐसे में जून से पहले की तारीख ही रखी जा सकती थी। वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च रहता है इसलिए 31 मार्च 2018 कर्ज माफी की अंतिम तारीख रखी गई है।

एक महीने से कर रहे थे तैयारी

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में बताया कि कर्ज माफी का फैसला एकाएक नहीं लिया गया है। इसको लेकर एक माह से तैयारी की जा रही थी। इसके पहले यूपीए सरकार में भी हम कर्ज माफी कर चुके हैं। उधर कृषि, सहकारिता और वित्त विभाग विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही कर्ज माफी की कार्ययोजना बनाने में जुट गया था।

किसानों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त: अजय सिंह

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के कर्ज माफी के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे प्रदेश के सवा करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.