Lok Sabha Election 2019 : एजी ऑफिस की सभा में फेंके गए थे सुपर स्टार अमिताभ बच्चन पर ढेले
अगर फ्लैश बैक में जाएं तो 1984 के चुनाव के दौरान रोचक पहलू भी नजर आता है। सुपरस्टार व कांग्रेस प्रत्याशी अमिताभ बच्चन की चुनावी सभा में एजी कर्मियों ने विरोध स्वरूप उनपर पत्थर फेंके थे।
प्रयागराज : छोरा गंगा किनारे वाला के नाम से मशहूर जिस बालीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की एक झलक पाने के लिए आज भी लोगों की भीड़ जुट जाती है। उन्हीं पर 1984 की एक चुनावी सभा (एजी ऑफिस के सामने) में ढेले यानी ईंट के टुकड़े फेंके गए थे। यह बात दीगर है कि वह ढेला उन्हें लगा नहीं, लेकिन इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से वह स्तब्ध रह गए थे।
एजी कर्मी सचिवालय की तर्ज पर समान वेतन की मांग कर रहे थे
वह दिन चुनाव के थे। इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी लहर के बीच मतदान होना था। एजी कर्मी सचिवालय कर्मियों के समान वेतनमान की मांग कर रहे थे। उस समय ऑडिट और एकाउंट सेक्शन एक ही कार्यालय में चलता था। मामले में निर्णय के लिए केंद्रीय कैबिनेट की उपसमिति गठित की गई। मार्च 1983 में तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ऑडिट एंड एकाउंट्स कर्मचारी एसोसिएशन (एजी ब्रदरहुड) के समारोह में शामिल होने के लिए यहां आए। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि 'आप के उच्च वेतनमान की मांग वेतन आयोग को नहीं भेजी जाएगी'। सरकार ही इसका समाधान करेगी।
...हालांकि ऐसा नहीं हुआ
पर ऐसा नहीं हुआ। जब वेतनमान लागू हुआ तो ऑडिट और एकाउंट का विभाजन कर दिया गया। इतना ही नहीं सरकार ने कहा कि केवल ऑडिट कर्मियों को ही सचिवालय कर्मियों के समान वेतनमान दिया जाएगा। एकाउंट में रहने वालों को एक वर्ष के लिए प्रतीक्षा सूची में रखा जाएगा। एक वर्ष के बाद प्रतीक्षा सूची की समीक्षा की जाएगी।
एजी कर्मियों की नाराजगी लोस प्रत्याशी अमिताभ की सभा में फूटी
इस बात से कर्मचारियों में काफी रोष था। एजी ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी बताते हैं कि 1984 के लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अमिताभ बच्चन की सभा एजी ऑफिस के बाहर आयोजित की गई। वह भाषण देने के लिए जैसे मंच पर पहुंचे, कुछ कर्मचारी नेता उनका विरोध करने लगे। किसी ने एक ढेला फेंक दिया, जो उन्हें लगा नहीं। उन कर्मचारी नेताओं में अमिताभ को लेकर गुस्सा इसलिए था कि कांग्रेस सरकार में दोनों सेक्शनों का विभाजन हुआ और उसी पार्टी से वह प्रत्याशी थे। वैसे अमिताभ ने इतना आश्वासन दिया कि कर्मियों की समस्या सही कानों में डालेंगे, निश्चित ही इसका समाधान होगा। इसके बाद विरोध करने वाले नेता चले गए। सभा में पूर्व सांसद केपी तिवारी भी शामिल थे।