Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: हिमाचल की इस सीट से कोई सांसद अब तक नहीं बना मंत्री

Lok Sabha Election 2019 शिमला संसदीय क्षेत्र से किसी भी सांसद को आज तक मंत्री पद नही मिला 1967 में महासू संसदीय क्षेत्र को समाप्त कर शिमला संसदीय क्षेत्र बन दिया गया था।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 01:02 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: हिमाचल की इस सीट से कोई सांसद अब तक नहीं बना मंत्री
Lok Sabha Election 2019: हिमाचल की इस सीट से कोई सांसद अब तक नहीं बना मंत्री

नाहन, राजन पुंडीर। शिमला संसदीय क्षेत्र के किसी भी सांसद को आज तक मंत्री पद नहीं मिला। संसदीय क्षेत्र पर आरक्षित होने से पहले जिला सिरमौर का वर्चस्व रहा। 1952 के लोकसभा चुनाव में चंबा-सिरमौर लोकसभा क्षेत्र से एआर सेवल सांसद चुने गए। 1957 में शिमला व सिरमौर जिला का महासू संसदीय क्षेत्र बनाया गया। इसके पहले सांसद डॉ. वाईएस परमार बने। 1959 में डॉ. परमार ने पद से त्यागपत्र दे दिया व हिमाचल के मुख्यमंत्री बन गए।

loksabha election banner

डॉ. परमार के पद छोड़ने के बाद यह सीट रिक्त हो गई। 1959 में हुए उपचुनाव में नाहन के रहने वाले शिवानंद रमौल सांसद बने, जोकि 1962 तक सांसद रहे। 1962 मेंं सिरमौर जिला के लिए लोकसभा की अलग सीट आरक्षित कर दी गई। 1962 से 67 तक सिरमौर आरक्षित सीट से नाहन के प्रताप सिंह पहली बार सांसद बने।

1967 में शिमला व सिरमौर जिला को मिलाकर महासू संसदीय क्षेत्र को समाप्त कर शिमला संसदीय क्षेत्र बन दिया गया। साथ ही यह क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दिया गया। शिमला संसदीय क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल लगभग 9292 वर्ग किलोमीटर में फैला है। जिसकी सीमाएं पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड राज्यों से लगती है।

 1962 में आरक्षित हुई थी सिरमौर-शिमला सीट

1962 में सिरमौर-शिमला संसदीय सीट के आरक्षित होने के बाद 1962 में पहली बार नाहन के समीप बनकला पंचायत के मालोवाला गांव के प्रताप सिंह सांसद बने। जो कि 1971 व 1977 दोबारा सांसद चुने गए। जिला शिमला को शिमला संसदीय सीट से केवल एक बार ही सांसद बनाने का मौका मिला। 1977 से 1979 तक कैथू निवासी बालक राम भारतीय लोकदल से सांसद रहे। 1980 से 1998 तक सोलन जिला के कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी शिमला आरक्षित सीट से छह बार सांसद चुने गए। 1999 में धनीराम शांडिल हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे। 2004 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर धनीराम शांडिल दोबारा सांसद बने। भाजपा ने 2009 में पहली बार खाता खोला। वीरेंद्र कश्यप पहली बार शिमला आरक्षित सीट से सांसद बने। 2014 में मोदी लहर में पुन: वीरेंद्र कश्यप सांसद चुने गए

अब तक रहे सांसद

  • 1952 में चंबा-सिरमौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के एआर सेवल
  • 1957 में महासू लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के डॉ.वाईएस परमार
  • 1959 उपचुनाव में कांग्रेस के शिवानंद
  • 1962 में 1967 तक सिरमौर आरक्षित लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रताप सिंह
  •        1967 से 1977 तक शिमला से कांग्रेस के प्रताप सिंह
  • 1977 से 1979 तक जनता पार्टी के बालक राम कश्यप
  • 1980 से 1998 कांग्रेस के कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी
  • 1999 से 2004 तक हिविकां के धनीराम शांडिल
  • 2004 से 2009 तक कांग्रेस के धनीराम शांडिल
  • 2009 से 2019 तक भाजपा के वीरेंद्र कश्यप

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.