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Lok Sabha Election 2019 : बाबू, कवनो जीते, गरीब तो गरीब ही रहेगा.. ELECTION EXPRESS

Lok Sabha Election 2019. बातचीत की शुरुआत करनेवाले मनोरंजन पॉल ने हाथ मिलाया और गेट की ओर बढ़ गए। बातचीत में यह बात समझ में आई कि लोगों को भला- बुरा पता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 01:59 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 :  बाबू, कवनो जीते, गरीब तो गरीब ही रहेगा.. ELECTION EXPRESS
Lok Sabha Election 2019 : बाबू, कवनो जीते, गरीब तो गरीब ही रहेगा.. ELECTION EXPRESS

टाटा-खड़गपुर पैसेंजर से विकास श्रीवास्तव। दोपहर के दो बज रहे हैं। टाटानगर स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर टाटा से खड़गपुर जाने के लिए लोकल ट्रेन (संख्या 68014) छूटने को तैयार। बीच की एक बोगी में हम भी चढ़ गए। इस लोकल ट्रेन की सभी सीटें फुल थीं। एक सज्जन से थोड़ा खिसकने को कहा ताकि हम भी बैठें। उन्होंने अनमने भाव से जैसे ही जगह दी, ट्रेन भी खुल गई। एकबार नजर दौड़ा कर देखा तो सभी यात्रियों की भाव-भंगिमाएं अलग-अलग। दो-तीन लोगों का ग्रुप आपस में कुछ बातचीत कर रहा था। मैंने सोचा लोकसभा चुनाव को लेकर उनके मन को ही टटोला जाए। बातचीत शुरू करते हुए पूछा, ‘कहां तक जाएंगे?’ जवाब मिला- घाटशिला। अपना परिचय देते हुए पूछा कि क्या करते हैं? जवाब मिला- एक छोटा-मोटा कारोबार है। नाम पूछने पर मनोरंजन पॉल बताया। पूछा-अच्छा यह बताइए कि लोकसभा चुनाव को लेकर आपके इलाके में क्या माहौल है? मनोरंजन पॉल कहने लगे- माहौल तो अभी तक ठंडा ही है। धीरे-धीरे तेजी आएगी। नामांकन के बाद ही माहौल पूरी तरह चुनावी होगा। 

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यह पूछने पर कि आपके यहां के लोग किस (पार्टी) के ओर हैं? उन्होंने कहा- देखिए, पिछली बार की तरह यह चुनाव भी भाजपा मोदी के नाम पर ही लड़ रही है। इसमें स्थानीय समस्याएं व मुद्दे किनारे हैं। आयुष्मान योजना और किसानों के खाते में राशि हस्तांतरित किए जाने से माहौल उनके पक्ष में है। वैसे, ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की समस्या रोजगार और कृषि है। सिंचाई की समुचित व्यवस्था अभी तक नहीं की जा सकी है। इस बात को लेकर लोगों में नाराजगी भी है। हमारी बातों को सुन रहे एक बुजुर्ग यात्री बोल पड़े- बाबू, कवनो जीते, गरीब तो गरीब ही रहेगा। इतना जरूर कहेंगे कि ई मोदी पहली बार किसानों की चिंता किया है। नाम पूछने पर बर्मामाइंस निवासी सत्यदेव मंडल बताया। उसी समय मेरी नजर आगे वाली सीट पर दैनिक जागरण पढ़ रहे व्यक्ति पर पड़ी। नाम पूछने पर फूलचंद मुमरू बताया। महासमर पेज पर चुनाव की खबरों को पढ़ रहे फूलचंद ने बताया कि चुनाव का माहौल बन रहा है। खड़गपुर तक जाना है तो इस बीच अखबार के जरिए जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या चल रहा है। 

लोकल ट्रेन गोविंदपुर हॉल्ट, आसनबनी के बाद राखा माइंस में रूकी। यहां कुछ यात्री उतरे। उनकी जगह आकर बैठे राखा माइंस निवासी सुशील कुमार अब हमारी चुनावी चर्चा में शामिल थे। बोले- हमारा साफ मानना है कि जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में मोदी के नाम पर वोट भाजपा को ज्यादा मिलेंगे। शहरी और पढ़े-लिखे लोग भाजपा के साथ ही जाएंगे, प्रत्याशी चाहे कोई हो। वहीं झामुमो को आदिवासी सेंटीमेंट का लाभ जरूर मिलेगा। महागठबंधन प्रत्याशी होने के कारण झाविमो का कैडर वोट झामुमो के पक्ष में जाएगा। कांग्रेस भी है। यह पूछने पर बोले- यहां कांग्रेस का कोई खास जनाधार नहीं दिख रहा। इतना जरूर है कि झामुमो-झाविमो के अलावा अल्पसंख्यक वोट भी झामुमो प्रत्याशी चंपई सोरेन की झोली में गिर सकते हैं। ट्रेन घाटशिला पहुंच रही थी। हमारी बातचीत की शुरुआत करनेवाले मनोरंजन पॉल ने हाथ मिलाया और गेट की ओर बढ़ गए। बातचीत में यह बात समझ में आई कि लोगों को पता है क्या भला और क्या बुरा है।


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