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निरसा विधानसभा सीट बचाने के लिए मासस दे सकती है लोकसभा में कुर्बानी

जो रणनीति तय हो रही है उससे लग रहा है कि मार्क्‍सवादी समन्वय समिति निरसा विधानसभा बचाने के लिए धनबाद लोकसभा सीट की कुर्बानी दे सकती है।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 05:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 05:07 PM (IST)
निरसा विधानसभा सीट बचाने के लिए मासस दे सकती है लोकसभा में कुर्बानी
निरसा विधानसभा सीट बचाने के लिए मासस दे सकती है लोकसभा में कुर्बानी

जागरण संवाददाता, धनबाद: भाजपा गठबंधन को लोकसभा व विधानसभा में शिकस्त देने के लिए विपक्षी दल महागठबंधन कर रहे हैं। सभी दल महागठबंधन को विधानसभा तक बरकरार रखना चाहते हैं, लेकिन जो रणनीति तय हो रही है उससे लग रहा है कि मार्क्‍सवादी समन्वय समिति निरसा विधानसभा बचाने के लिए धनबाद लोकसभा सीट की कुर्बानी दे सकती है। वैसे मासस विधायक अरूप चटर्जी का कहना है कि अभी रणनीति तय नहीं हुई है। पार्टी के वरीय नेताओं के साथ बैठक कर इस पर विचार किया जाएगा।

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गौरतलब है कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस, जेवीएम, वामदल एक मंच पर आ गए हैं। हालांकि सीटों को लेकर अब भी खींचतान जारी है। निरसा विधानसभा की सीट पर मार्क्‍सवादी समन्वय समिति की जोरदार दावेदारी है। 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो मासस के अरूप चटर्जी ने कांटे की टक्कर के बाद फतह हासिल की है। भाजपा के गणेश मिश्रा ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। निरसा में 33 साल से चले आ रहा लाल झंडे के विजय रथ को इस बार मासस के अरूप चटर्जी बमुश्किल बचा सके हैं। इसलिए अब मासस को भी यह लग रहा है कि बिना गठबंधन के इस किले का अभेद बनाए रखने में दिक्कत आ सकती है। 2014 के विधानसभा में मासस 51581 वोटों से जीती, जबकि भाजपा को 50546 मत प्राप्त हुए।

अरूप ने भाजपा के गणेश मिश्रा को महज 1035 वोटों से हराया था। हालांकि मोदी लहर में अरूप के किले को हिलाने की पूरी तैयारी थी, लेकिन मतदान के परिणाम ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। वहीं लोकसभा में निरसा विधानसभा में भाजपा को अधिक मत मिले थे।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अशोक मंडल ने भी पिछले चुनाव में निरसा में अच्छी उपस्थिति दर्ज की थी। 2009 में जीत का अंतर बड़ा था, लेकिन 2014 में यह अंतर कांटे की लड़ाई में बदल गई। अरूप को 2009 में 68,965 मत और भाजपा को 33,388 वोट मिले थे।

2014 में फाब्ला की अपर्णा सेनगुप्ता के वोटों में भी बढ़ोतरी हुई। 2009 में उन्‍हें जहां 17,597 वोट मिले थे, वहीं 2014 में 23,633 वोट हासिल हुए।

2009 विधानसभा चुनाव का परिणाम

अरूप चटर्जी (मासस) - 68,965 मत

अशोक मंडल (भाजपा) - 33,388

अपर्णा सेनगुप्ता (फाब्ला) - 17597

बोदी मरांडी (झामुमो) - 10,900

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम

अरूप चटर्जी (मासस) - 51581 मत

गणेश मिश्रा (भाजपा) - 50,546 मत

अशोक मंडल (झामुमो) - 43,329 मत

अपर्णा सेनगुप्ता (फाब्ला) - 23,633 मत

अनीता गोराई (निर्दलीय) - 11,123 मत

नागेंद्र कुमार (माले) - 3484 मत


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