Loksabha elections: संगरूर से भट्ठल को टिकट मिला तो 52 साल के रिकॉर्ड पर रहेगी नजर
लोकसभा हलका संगरूर की सीट सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए पुरुष प्रधान सीट बनकर रह गई है। यहां से महिला प्रत्याशी को केवल एक बार ही संसद तक पहुंचने का मौका मिला।
संगरूर [मनदीप कुमार]। लोकसभा हलका संगरूर की सीट सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए पुरुष प्रधान सीट बनकर रह गई है। वर्ष 1957 से वर्ष 2014 तक हुए लोकसभा चुनाव में यहां से महिला प्रत्याशी को केवल एक बार ही संसद तक पहुंचने का मौका मिला, जबकि इसके बाद किसी भी रिवायती पार्टी ने महिला प्रत्याशी को हलका संगरूर से किस्मत अजमाने का मौका नहीं दिया। इस बार यदि कांग्रेस राजिंदर कौर भट्ठल को टिकट देती है, तो 52 साल के रिकॉर्ड पर सबकी नजर रहेगी। संगरूर संसदीय सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या 46.85 फीसद है, लेकिन फिर भी राजनीतिक पार्टियों ने पुरुष प्रत्याशियों पर ही विश्वास जताया है।
संगरूर सीट के लोकसभा चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो अकाली दल (संत फतेह सिंह) की उम्मीदवार निरलेप कौर ने दो बार सांसद रह चुके अपने ससुर कांग्रेसी उम्मीदवार सरदार रणजीत सिंह को 98 हजार वोट के भारी अंतर से मात दी व संसद तक पहुंचीं। इस चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू प्रचार के लिए पंजाब पहुंचे थे, लेकिन इसके बावजूद रणजीत सिंह को चुनाव में करारी मात मिली। रणजीत सिंह इससे पहले 1952 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर जीते व फिर वर्ष 1962 को दोबारा से जीत हासिल करने में कामयाब रहे, लेकिन वर्ष 1967 के चुनाव में उन्हें निरलेप कौर के मुकाबले करारी शिकस्त मिली।
संगरूर संसदीय सीट पर अब तक हुए लोकसभा चुनाव दौरान छह बार अकाली दल, चार बार कांग्रेस, दो बार शिअद (मान), दो बार सीपीआइ व एक बार आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार सांसद चुना गया। इनमें से मात्र एक बार 1967 में अकाली दल (संत फतेह सिंह) ने ही महिला प्रत्याशी पर दांव खेला, जबकि इसके बाद दोबारा अकाली दल, अकाली दल (अ), कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों ने महिला उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जताया।
लोकसभा हलका संगरूर में नौ विधानसभा हलके संगरूर, धूरी, मालेरकोटला, दिड़बा, लहरागागा, बरनाला, महलकलां, भदौड़ शामिल हैं। सिर्फ मालेरकोटला हलके से ही विधायक रजिया सुल्ताना महिला विधायक के तौर पर हलके की अगुआई कर रही हैं। पांच हलकों पर आम आदमी पार्टी, तीन पर कांग्रेस व शिअद का एक ही सीट पर कब्जा है।
क्या इस बार पार्टियां खेलेंगी महिला प्रत्याशी पर दांव
कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री व वाइस चेयरपर्सन पंजाब योजना बोर्ड राजिंदर कौर भट्ठल अपनी दावेदारी जता रही हैं। कांग्रेस की कद्दावर नेता होने के नाते कांग्रेस उन पर दांव खेल भी सकती है, लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस बार यह बात तो खास है कि कांग्रेस पार्टी के पास महिला चेहरा टिकट की दौड़ में है। अगर कांग्रेस राजिंदर कौर भट्ठल पर दांव खेलती है तो उनका सीधा मुकाबला पुरुष उम्मीदवारों से ही होगा, क्योंकि आम आदमी पार्टी से भगवंत मान, शिअद (अ) से सिमरनजीत सिंह मान पहले से ही मुकाबले में उतर चुके हैं।
लोकसभा सीट संगरूर
- कुल वोटर: 1501950
- पुरुष: 798237
- महिलाएं: 703686
विधानसभा हलकों की स्थिति
लहरा:
- कुल वोटर 166276
- पुुरुष: 88408
- महिलाएं: 77864
दिड़बा:
- कुल वोटर: 177064
- पुरुष: 95674
- महिला: 80388
सुनाम:
- कुल वोटर: 187253
- पुरुष: 99543
- महिलाएं: 87703
मालेरकोटला:
- कुल वोटर: 150378
- पुरुष: 80058
- महिलाएं: 70318
धूरी:
- कुल वोटर: 159377
- पुुरुष: 84272
- महिलाएं: 75104
संगरूर:
- कुल वोटर: 179694
- पुरुष: 94709
- महिलाएं: 84983
भदौड़:
- कुल वोटर: 152579
- पुरुष: 81296
- महिलाएं: 71277
बरनाला:
- कुल वोटर: 172749
- पुुरुष: 91460
- महिलाएं: 81269
महलकलां:
- कुल वोटर: 156580
- पुरुष: 82618
- महिलाएं: 72760
लोकसभा हलका संगरूर
- 1952: सरदार रणजीत सिंह (कांग्रेस)
- 1962: सरदार रणजीत सिंह (कांग्रेस)
- 1967: निरलेप कौर (अकाली दल (संत फतेह सिंह)
- 1971: तेजा सिंह स्वतंत्र (सीपीआइ)
- 1977: सुरजीत सिंह बरनाला (शिअद)
- 1980: गुरचरण सिंह निहालसिंह वाला (कांग्रेस)
- 1984: बलवंत सिंह रामूवालिया (शिअद)
- 1989: राजदेव सिंह (शिअद (अ)
- 1991: गुरचरण सिंह दादूवाला (कांग्रेस)
- 1996: सुरजीत सिंह बरनाला (शिअद)
- 1998: सुरजीत सिंह बरनाला (शिअद)
- 1999: सिमरनजीत सिंह मान (शिअद (अ)
- 2004: सुखदेव सिंह ढींडसा (शिअद)
- 2009: विजयइंद्र सिंगला (कांग्रेस)
- 2014: भगवंत मान (आप)